Research on Lightning Damage to Aircraft MNIT and DRDO Collaboration आकाशीय बिजली से विमानों की क्षति के कारण तलाशेंगे वैज्ञानिक, Prayagraj Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsPrayagraj NewsResearch on Lightning Damage to Aircraft MNIT and DRDO Collaboration

आकाशीय बिजली से विमानों की क्षति के कारण तलाशेंगे वैज्ञानिक

Prayagraj News - दिल्ली से श्रीनगर जा रहे विमान के तूफान में फंसने से 227 यात्रियों की जान संकट में पड़ गई। एमएनएनआईटी के वैज्ञानिकों ने आकाशीय बिजली से विमानों को होने वाली क्षति को कम करने के लिए डीआरडीओ के सहयोग से...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 25 May 2025 10:58 AM
share Share
Follow Us on
आकाशीय बिजली से विमानों की क्षति के कारण तलाशेंगे वैज्ञानिक

प्रयागराज, अनिकेत यादव। दिल्ली से श्रीनगर जा रहे विमान के तूफान में फंसने के कारण अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त होने की घटना चर्चा में है। 21 मई को हुई इस घटना से विमान में सवार 227 यात्रियों की जान सांसत में पड़ गई थी। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनएनआईटी) के वैज्ञानिकों ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। डीआरडीओ ने एमएनएनआईटी के अप्लाइड मेकैनिक्स विभाग को 59.70 लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की है। एमएनएनआईटी के अप्लाइड मेकैनिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष कुमार उपाध्याय ने बताया कि आकाशीय बिजली से विमानों की क्षति एक गंभीर समस्या है।

आकाशीय बिजली से विमानों की क्षति के कारण को तलाशा जाएगा। यह पता लगाने के लिए (शोध) अनुसंधान कर रहे हैं कि कौन से मिश्रित पदार्थ आकाशीय बिजली के प्रभाव को कम कर सकते हैं। डॉ. उपाध्याय ने कहा कि विमानो को बिजली और आवेश दोनों का खतरा रहता है। क्योंकि दोनों बादलों के बीच करंट के लिए विमान एक माध्यम बन जाता है। यह अध्ययन आधुनिक विमानों में उपयोग होने वाले मिश्रित पैनलों (कंपोजिट पैनल) पर केंद्रित है। जो हल्के मजबूत और उन्नत सामाग्री से बने होते हैं। यह विश्लेषण किया जाएगा कि जब किसी विमान पर आकाशीय बिजली गिरती है तो वह बिजली पैनल की संरचना, तापमान, विद्युत प्रवाह और यांत्रिक मजबूती को किस तरह प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि इसमें मल्टी फिजिक्स मांडलिंग तकनीक के जरिए विद्युत ऊष्मा और यांत्रिक प्रभावों को एक साथ जोड़ा जाएगा ताकि वह समझा जा सके कि किस प्रकार की क्षति होती है और उसके बाद विमान की कार्यक्षमता पर क्या असर पड़ता है। इस आधार पर एक नया कोड तैयार होगा और इस कोड से सिमुलेशन सॉफ्टवेयर को अपडेट कर दिया जाएगा। जिससे नए मैटेरियल यानी पदार्थ की विद्युत रोधी क्षमता को आसानी से परखा जा सकेगा। इससे विमान पर पड़ने वाले आकाशीय बिजली के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।