Promotion of employees in the entire state including the secretariat in UP is stuck why is there a crisis यूपी में सचिवालय समेत पूरे राज्य में कर्मचारियों का प्रमोशन फंसा, क्यों आ रहा संकट?, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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यूपी में सचिवालय समेत पूरे राज्य में कर्मचारियों का प्रमोशन फंसा, क्यों आ रहा संकट?

यूपी में सचिवालय समेत पूरे राज्य में सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन फंस गया है। पिछले साल की एसीआर लटकी है। हालांकि इस साल का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है।

Yogesh Yadav लखनऊ, विशेष संवाददातMon, 14 April 2025 07:16 PM
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यूपी में सचिवालय समेत पूरे राज्य में कर्मचारियों का प्रमोशन फंसा, क्यों आ रहा संकट?

सचिवालय कर्मचारियों की पिछले साल की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) लटक गई है और इस साल का एसीआर भरने का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इससे सचिवालय के 200 से ज्यादा कर्मचारियों के प्रमोशन पर संकट आ गया है। दरअसल, जब कभी भी रिक्त पदों के सापेक्ष प्रमोशन होते हैं तो योग्यता के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की पांच साल की एसीआर लगती है>बीते साल मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारियों को अपना स्वमूल्यांकन करना था। इस स्वमूल्यांकन की समीक्षा और स्वीकृति होनी थी। बीते साल एसीआर भरने के लिए जो आदेश जारी किया गया था उसमें कहा गया था कि हर चरण पर समयबद्ध स्वीकृति होनी चाहिए यानी, तय मियाद बीतने के बाद कर्मचारियों के स्वमूल्यांकन की प्रविष्टि अगले चरण पर खुद ब खुद बढ़ जाएगी (ऑटो फॉरवर्ड हो जाएगी)। हालांकि, आदेश पर अमल नहीं हुआ।

समयबद्ध तरीके से न तो उच्चाधिकारियों ने स्वीकृति दी और न ही आवेदन खुद-ब-खुद आगे बढ़े। कर्मचारी इससे परेशान हैं। कुछ कर्मचारियों ने ऑटो फॉरवर्डिंग को लेकर एनआईसी में बात भी की तो पता चला कि उनके पास ऑटो फॉरवर्डिंग को लेकर कोई आदेश ही नहीं आया था। लिहाजा सॉफ्टवेयर में ऐसा कुछ नहीं किया गया। एसीआर को उच्चतम स्तर पर स्वीकृति के लिए 28 फरवरी की तारीख तय की गई थी। इसके बाद पोर्टल लॉक हो गया। जो आवेदन जिस स्थिति में थे, वहीं लॉक हो गए। अब अगर कर्मचारी उन्हें स्वीकृत करने की गुजारिश भी कर रहे हैं तो भी उन्हें स्वीकृति नहीं दी जा सकती।

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30 अप्रैल तक जारी करवाना है वर्कफ्लो

इस बार की एसीआर का वर्कफ्लो 30 अप्रैल तक कर्मचारियों को जारी करवाने के निर्देश दिए गए हैं। सचिवालय में जुलाई से जून तक चयन वर्ष होता है। एक साल में जुलाई से जून के बीच रिटायर होने वाले कर्मचारियों के सापेक्ष रिक्तियों का आकलन कर लिया जाता है और उसी साल 30 सितंबर तक उनके सापेक्ष प्रमोशन किए जाते हैं। ऐसे में जिन कर्मचारियों की एसीआर अब तक फाइनल नहीं हुई है, उनके प्रमोशन में दिक्कत आ सकती है।

प्रदेश स्तर पर भी यही दिक्कत

सूत्र बताते हैं कि न केवल सचिवालय बल्कि प्रदेश भर में अन्य कर्मचारी भी इस तरह की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। तमाम राज्य कर्मचारियों की भी एसीआर फंसी हुई है। उन्हें तय समय में स्वीकृति नहीं मिली। अब चूंकि पोर्टल लॉक हो गया है, तो उनके लिए भी विभागीय प्रोन्नति या सुनिश्चित करियर प्रोन्नति में दिक्कत होगी। कर्मचारी संगठनों के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों की संख्या हजारों में हो सकती है। कर्मचारी एक बार पोर्टल कुछ वक्त के लिए खोलने और उस समय में एसीआर फाइनल करने की मांग कर रहे हैं।