खाली खेत की करा दें गहरी जुताई, बढ़ेगी मिट्टी की जलधारण करने की क्षमता
Rampur News - गेहूं की कटाई के बाद खेतों की जुताई जरूरी है। गहरी जुताई से मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ती है और हानिकारक कीट मर जाते हैं। इससे मिट्टी की संरचना में सुधार होता है और उपज बढ़ती है। किसान जुताई के लिए...

गेहूं की कटाई-मढ़ाई के बाद खेत खाली पड़े हैं तो उनकी जुताई करा दें। गहरी जुताई कराने से मिट्टी की जलधारण करने की क्षमता बढ़ती है। जिससे फसल अच्छी होती है। हल्की बारिश हो जाने से किसानों को खेत की जुताई करने में भी काफी आसानी होगी। जिला कृषि अधिकारी डा. कुलदीप सिंह राणा ने बताया कि गर्मियों में खेतों की गहरी जुताई होने से जमीन के अंदर जो हानिकारक कीट होते हैं वह धूप और लू में मर जाते हैं। इसके अलावा मिट्टी में जलधारण करने की क्षमता बढ़ जाती है। बार-बार जुताई कराने से मिट्टी उपजाऊ होती है। इससे पर्यावरण में भी सुधार होता है।
जिन किसानों के खेत गेहूं कटाई के बाद खाली हो गए हैं वह अपने खेतों की गहरी जुताई करा दें। इसके अलावा किसान किसी भी कीट, रोग, खरपतवार की समस्या के निवारण के लिए निकटतम ब्लाक पर प्रभारी राजकीय कृषि रक्षा इकाई या फिर विकास भवन में स्थित जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। किसानों की समस्याओं को हल कराया जाएगा। गहरी जुताई करने से ये होगा लाभ:- -गर्मी में जुताई होने से मिट्टी की संरचना सुधार होता है। -जुताई कराने से मिट्टी में जलधारण की क्षमता बढ़ती है। -खेत में उगे खरपतवार, फसल अवशेष मिट्टी में दबकर सड़ जाते हैं, जिससे मिट्टी में जीवांश की मात्रा बढ़ती है। -गहरी जुताई से मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक जीवाणु, कवक, निमेटोड, अन्य सूक्ष्य जीव मर जाते हैं। -जमीन में वायु संचार बढ़ जाते हैं जो लाभकारी सूक्ष्य जीवों के वृद्धि एवं विकास में सहायक होते हैं। -गहरी जुताई से खरपतवार नाशक, कीटनाशी रसायनों के अवशेष नष्ट हो जाते हैं।
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