श्री कृष्ण की दृष्टि से ही समस्त तप हो जाते हैं सफल : आचार्य मुमुक्षु कृष्ण
Rampur News - गुजरैला गांव के मंगलधाम में तीन दिवसीय गोपी गीत कथा के दूसरे दिन आचार्य पंडित मुमुक्षु कृष्ण महाराज ने श्री कृष्ण की दिव्य लीला का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण की कृपादृष्टि से सभी पाप मिट...

क्षेत्र के गुजरैला गांव स्थित मंगलधाम में चल रही तीन दिवसीय गोपी गीत कथा के द्वितीय दिवस पर वृंद्वावन से पधारे आचार्य पंडित मुमुक्षु कृष्ण महाराज ने गोपी गीत कथा का वर्णन करते हुए बताया कि श्री कृष्ण की मधुर दृष्टि के अनुभव मात्र से ही मनुष्य के समस्त तप सफल हो जाते हैं। श्री कृष्ण की इस दिव्य लीला से श्रोता भक्त भावविभोर हो उठे। संगीतमय भजनों की प्रस्तुति से वातावरण भक्तिरस से भर उठा। श्रोता देर रात तक कथा स्थल पर झूमते रहे और भक्ति में लीन हो गए। शुक्रवार देर शाम प्रवचन करते हुए महाराज ने बताया कि गोपियां कहती हैं कि हे प्रियतम तुम्हारे जन्म से व्रजभूमि धन्य हो गई है।
तुम्हारी एक कृपादृष्टि सभी पापों को समाप्त कर देती है और काम वासनात्मक आकर्षण को घास के समान तुच्छ बना देती है।यह श्लोक गोपियों की गहन भक्ति, आत्म-समर्पण और श्रीकृष्ण की दिव्य मोहिनी मूर्ति के प्रभाव का सूक्ष्म चित्रण करता है। गोपियां कहती है कि शरद ऋतु की उस संध्या बेला में, जब तुम तुलसी की माला और चंदन से सुशोभित होकर मुरली बजाते थे, तुम्हारा स्वर, रूप और सुगंध सभी हमारे हृदय को कामदेव की तरह आंदोलित कर देते थे। वे मधुर स्मृतियां आज भी हमारे मन को चुराती हैं।गोपियां श्रीकृष्ण की मधुर रासलीला की स्मृति में तन्मय हो रही हैं। कृष्ण का सौंदर्य, उनका मुरली वादन, उनकी चंदन-तुलसी युक्त महक सब कुछ उन्हें भावविभोर कर देता है। यह स्मरण ही उनकी चेतना को चुराकर श्रीकृष्ण में ही विलीन कर देता है।
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