Sweet Shopkeepers Struggle Amid Rising Competition and Regulatory Challenges During Festivals बोले रामपुर : महंगाई से घटा मुनाफा, बेवजह जांच ने बिगाड़ा जायका, Rampur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsRampur NewsSweet Shopkeepers Struggle Amid Rising Competition and Regulatory Challenges During Festivals

बोले रामपुर : महंगाई से घटा मुनाफा, बेवजह जांच ने बिगाड़ा जायका

Rampur News - त्योहारों के दौरान मिठाई दुकानदारों को गुणवत्ता बनाए रखने और खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। होली और दिवाली जैसे अवसरों पर कारोबार बढ़ता है, लेकिन नियमों और महंगे कच्चे माल के...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरWed, 12 March 2025 11:12 PM
share Share
Follow Us on
बोले रामपुर : महंगाई से घटा मुनाफा, बेवजह जांच ने बिगाड़ा जायका

पर्व-त्योहार और खुशी के मौके पर मिठास घोलने वाले मिठाई दुकानदार और कारीगर मिठाइयों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जूझते हैं। साथ ही वे खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों की कार्रवाई का सामना करते हैं। मिठाइयों के नमूने अधोमानक पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाता है। बाजार में मिठाइयों की बढ़ती स्पर्धा इनके लिए चुनौती पेश करती है। मिठाई बेचने वालों का कहना है कि होली और दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान मिठाई दुकानदारों का कारोबार बढ़ जाता है, लेकिन इस खुशी के माहौल में भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि नियम अनुसार ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, बेवजह परेशान नहीं किया जाए। साथ ही बाजार में जो समस्याएं हैं, उनका समाधान किया जाए तो उनकी परेशानी कम होगी। मिठाई दुकानदारों ने हिन्दुस्तान को अपनी पीड़ा बताई है।

हारों और शादियों के मौके पर मिठाई व्यवसाय में हलचल बढ़ जाती है, लेकिन व्यापारियों को अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। खाद्य विभाग की छापेमारी, सैपलिंग की प्रक्रिया और जीएसटी जैसी व्यवस्थाएं व्यापारियों के लिए सिरदर्द बन जाती हैं। खासकर त्योहारों के दौरान, जब बाजार में भीड़ होती है और ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती है, तो यह छापेमारी और नियम व्यापारियों को और भी परेशान कर देती है। ऑनलाइन ट्रेडिंग और पैकेट बंद उत्पादों ने भी पारंपरिक मिठाई व्यवसाय को प्रभावित किया है। बड़े व्यापारियों को तो इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन छोटे और मध्यम व्यापारियों को यह बदलाव आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण बना देता है। मिठाई व्यापारियों की इस स्थिति को देखते हुए जरूरी है कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस दिशा में संवेदनशीलता दिखाएं, ताकि त्योहारों के दौरान व्यापारियों को अतिरिक्त दबाव का सामना न करना पड़े और वे अपना व्यापार सही तरीके से चला सकें। साथ ही, नियमों में कुछ लचीलापन और समर्थन की आवश्यकता है, ताकि छोटे व्यापारियों का अस्तित्व बचा रहे।

रामपुर शहर में 120 से अधिक मिठाई की दुकानें हैं जिनका रोज का कारोबार लाखों रुपये में है। होली और दिवाली के त्योहार पर मिठाई के कारोबार में तेजी आती है। मिठाइ दुकानदार बताते हैं कि जीएसटी के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया जाता है। मिठाई दुकानदार फरमान ने बताया कि खाद्य विभाग की टीमों की कार्रवाई से कारोबार प्रभावित होता है। दिवाली और होली जैसे प्रमुख त्योहार पर मुनाफा हो या ना हो, खाद्य विभाग की टीम के अपने ही नियम कायदे हैं।

नमूने भरकर आर्थिक शोषण का आरोप

रामपुर। मिठाई कारोबारियों ने बताया कि त्योहार पर खाद्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी द्वारा दुकानों पर मिठाइयों के नमूने भरने का डर सताता है। जब दुकान से मिठाई के नमूने भर लेते हैं तो कार्रवाई का डर दिखाकर दुकानदारों का आर्थिक शोषण किया जाता है। इससे मिठाई कारोबारी तनाव में रहते हैं।

उनका कहना है कि वे लोग ईमानदारी से अपना व्यापार करते हैं इसलिए अनावश्यक रूप से किसी को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। कारोबारियों ने यह मांग की कि त्योहार के मौके पर छापेमारी नहीं होनी चाहिए।

राहुल बताते हैं कि नए दौर में पैकेट्स बंद उत्पाद और ऑनलाइन खरीदारी ने भी व्यापार को प्रभावित कर दिया है। दीपक और सचिन बताते हैं कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, माप-बाट, बिजली, प्रदूषण नियंत्रण, नगर पालिका के अलावा जीएसटी के नियम एवं उन विभागों के अधिकारियों के व्यवहार के बीच अब कारोबार का अस्तित्व बचाए रखना कठिन है। हमारी समस्या पर कोई ध्यान नहीं देता है। मिठाई दुकानदारों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

महंगे दूध-मावे से मिठाई की लागत बढ़ रही

मिठाई कारोबारियों का कहना है कि मैदा, मावा, चीनी, मेवा मंहगी होने से मिठाई बनाने में लागत अधिक आती है, जबकि ग्राहक कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता की मिठाई खरीदना चाहते हैं। 60 रुपये लीटर दूध लेकर पनीर, मिठाई तैयार कर मुनाफा कमाना मुश्किल हो रहा है। कागज के डिब्बे भी महंगे हैं।

बाजार में हो पार्किंग तो ग्राहकों को न हो परेशानी

ज्वालानगर और पुराना गंज में मिठाई का बाजार है। यहां काफी मिठाई की दुकानें हैं। कुछ दुकानें शहर की तंग गलियों में हैं। यहां के दुकानदार पार्किंग नही होने से आहत हैं। मिठाई कारोबारी राजेश गुप्ता कहते हैं कि सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। नो पार्किंग जोन पर ग्राहक की गाड़ियां सड़क पर खड़ी होती हैं तो पुलिस कार्रवाई करती है लेकिन, दुकानदारों की समस्याओं को समझती नहीं है। दुकानदारों के लिए पालिका की ओर से पार्किंग की स्थायी व्यवस्था होने से समस्या का समाधान हो जाएगा।

मिलावटखोरों पर हो सख्त कार्रवाई

मिठाई बेचने वाले दुकानदार अनमोल ने बताया कि मिठाई का नमूना अधोमानक पाए जाने पर जुर्माना वसूला जाता है। नमूना सही पाने जाने पर दुकानदारों को प्रोत्साहन राशि भी दी जानी चाहिए। इससे हमारा मनोबल बढ़ेगा। उनका कहना है कि मिलावटखोरी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

ल्ल खाद्य व्यापारियों को सरकार के प्राविधानों और सर्कुलर के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित किया जाए ताकि उत्पादों में मानकों का पालन हो सके।

ल्ल छोटे उद्योगों को संरक्षण की जरूरत है, न कि टैक्स के बोझ के तले इन्हें दबाया जाए। जीएसटी की विसंगतियों से भी राहत दिलाना चाहिए।

ल्ल शहर में एक स्थान पार्किंग के लिए जरूर तय किया जाए ताकि व्यापारी-ग्राहक निश्चिंत होकर गाड़ी खड़ी कर सकें।

ल्ल खाद्य विभाग को पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए। मिठाई के सैंपल के नाम पर परेशान करना बंद किया जाए।

ल्ल यदि सैंपल फेल होता है, तो हम लोगों पर जुर्माना लगता है। अगर सैंपल पास हो, तो व्यापारियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जानी चाहिए।

ल्ल त्योहार आते ही अफसर जांच के नाम पर धमकाने लगते हैं। दुकानदारों के प्रति उनका व्यवहार अच्छा नहीं होता है।

ल्ल सैंपल फेल होने पर नोटिस और जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन उत्पादों की गुणवत्ता सही होने पर दुकानदार को लिखित रिपोर्ट नहीं दी जाती है।

ल्ल बैंकों से मुद्रा लोन लेना मुश्किल है। नगर पालिका, बिजली और प्रदूषण विभाग जांच के नाम पर मानसिक तथा आर्थिक उत्पीड़न करते हैं।

ल्ल सड़क पर गाड़ी खड़ी मिली तो पुलिस दुकानदारों के साथ गलत व्यवहार करती है। दुकानदारों की गाड़ियों का भी चालान हो जाता है।

ल्ल छोटे व्यापारियों को जागरूकता के अभाव में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इसके लिए पहल की जरूरत है।

कारोबार में काफी दिक्कतें आ रही हैं। बाजार से कच्चा माल खरीदना और काम कराने के लिए लेबर ढूंढना टेढ़ी खीर हो गया है। -उस्मान, दुकानदार

चीनी और मैदा के दामों पर नियंत्रण होना चाहिए। दाम बढ़ते हैं और लागत बढ़ती है। इससे मिठाई के रेट बढ़ाने पड़ते हैं।

-सलीम, मिठाई दुकानदार

अधिकारी बड़ी दुकानों का निरीक्षण करने नहीं जाते, उनकी तलवार हम छोटे दुकानदारों पर ही लटकी रहती है।

-गोविंद, मिठाई कारोबारी

छोटे कारोबारियों ने लिए मिठाई का धंधा अब घाटे का सौदा साबित हो रहा है। वाजिब दाम न मिलने से दुकानदारी प्रभावित हो रही है। -सुंदरलाल

धीरे-धीरे कारीगर कम हो रहे हैं। लेबर कम होने से जो काम कर रहा है वह अधिक मजदूरी मांगता है। व्यापार चलाना मुश्किल हो गया है। -विक्की

कारोबारियों को मिठाई में इस्तेमाल होने वाले केमिकल की पूरी जानकारी नहीं होती है। इसीलिए खाद्य विभाग को जागरूक करना चाहिए। -परवेज अली

जानकारी के अभाव में हम कारोबारी लोगों का अधिकारी शोषण करते हैं। त्योहार के समय खाद्य विभाग के अधिकारी बेवजह तंग करते हैं। -फरमान

मिठाई कारोबारियों को त्योहार के मौके पर छापेमारी का डर दिखा दिया जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।

- -शाकिर अली, मिठाई दुकानदार

बड़ी दुकानों पर बनने वाली मिठाइयों के सैंपल पास हो जाते हैं। कार्रवाई केवल छोटे दुकानदारों पर होती है। यह प्रशासन गलत करता है। -अमान अली

शहर के बाजार में सही तरीके से पार्किंग की सुविधा होनी चाहिए। इससे दुकानदारी सही ढंग से होगी।

-चंद्रपाल

बाजार में जाम लगता है। इसीलिए लोग दुकान पर खरीदारी करने नहीं पहुंच पाते। जाम की समस्या दूर होनी चाहिए।

-रामपाल

कारीगरों का मेहनताना पहले से दोगुना हो गया है। चीनी और मैदा के दाम भी बढ़ गए हैं। महंगी मिठाई खरीदने से लोग बचते हैं।

-राहुल

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।