रेप पीड़िता को मेडिकल के लिए 8 घंटे करना पड़ा इंतजार, बीजेपी सांसद ने जताया एतराज
- बच्ची घर के बाहर सो रही थी। गांव का ओमवीर उसे गोद में उठाकर ले गया था। सीसीटीवी में कैद हुआ था। पुलिस पकड़ती इससे पहले फरार हो गया था। उसकी तलाश के लिए 3 टीमें लगाई गई हैं। शनिवार को भाजपा सांसद राजकुमार चाहर पीड़िता के घर गए थे। उन्होंने पीड़िता के नाम एक लाख रुपये देने की घोषणा की।

आगरा के खेरागढ़ में दुराचार का शिकार हुई पीड़िता ने मेडिकल के लिए आठ घंटे इंतजार किया था। पांच घंटे जांच के नाम पर उसे खेरागढ़ थाने में बैठाए रखा। इसके बाद तीन घंटे लेडी लॉयल में इंतजार कराया गया। पीड़ित बालिका को आगरा तक लेकर आने के लिए पुलिस ने गाड़ी की व्यवस्था भी उसके पिता से कराई। यह हकीकत जब भाजपा सांसद राजकुमार चाहर के सामने आई तो वह हैरान रह गए। उन्होंने नाराजगी जताई। घटना में एक और सच सामने आया। प्रधानमंत्री आवास में रहने वाली बच्ची के घर चार साल से बिजली नहीं है।
बालिका घर के बाहर सो रही थी। गांव का ओमवीर उसे गोद में उठाकर ले गया था। सीसीटीवी में कैद हुआ था। पुलिस पकड़ती इससे पहले फरार हो गया था। उसकी तलाश के लिए तीन टीमें लगाई गई हैं। शनिवार को भाजपा सांसद राजकुमार चाहर पीड़िता के घर गए थे। क्या हुआ था। यह जानने का प्रयास किया। पीड़िता के नाम एक लाख रुपये देने की घोषणा की। बालिका के परिजनों ने सांसद को बताया कि शुक्रवार की सुबह दस बजे हिम्मत जुटाकर थाने गए। पुलिस ने जांच के नाम पर दोपहर तीन बजे तक थाने में ही बैठाए रखा।
उसके बाद कहा कि गाड़ी कर लो। आगरा लेडी लॉयल चलना है। उनके पास पैसे नहीं थे। जैसे-तैसे इंतजाम किया। गाड़ी करके आगरा पहुंचे। अस्पताल में तीन घंटे इंतजार कराया गया। उसके बाद वापस भेज दिया। दूसरे दिन फिर बुलाया गया। सुबह से रात हो गई। बिटिया भूखी रही। परेशान थी। सांसद चाहर ने पूछा कि बिटिया बाहर क्यों रही थी। घरवालों ने बताया कि बिजली नहीं है। चार साल हो गए। प्रधानमंत्री आवास मिला था। तब सांसद चाहर ने डीएम और डीसीपी से बात की। कहा कि पीड़िता को इलाज की जरूरत थी। उसे थाने में इंतजार कराया जा रहा था।
घटना के बाद खड़े हुए कई सवाल
- दुराचार पीड़िता बालिका को पांच घंटे थाना प्रभारी ने किस नियम के तहत थाने में बैठाया। तत्काल उपचार और मेडिकल के लिए क्यों नहीं भेजा।
- किस नियम के तहत आगरा चलने के लिए गाड़ी करने को पीड़िता के पिता से कहा गया।
- लेडी लॉयल में मासूम पीड़िता को तीन घंटे इंतजार कराने के बाद वापस भेज दिया गया। इसका लापरवाही का जिम्मेदार कौन है।
- बालिका और उसके भाई-बहन स्कूल नहीं जाते। स्कूल चलो अभियान का लाभ क्यों नहीं दिया गया।