District Inspector s Raid Exposes Private Publishers Monopoly in Schools किताबों की दुकानों पर डीआईओएस की छापेमारी से हड़कंप, एनसीईआरटी की किताबें नदारद, Sambhal Hindi News - Hindustan
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किताबों की दुकानों पर डीआईओएस की छापेमारी से हड़कंप, एनसीईआरटी की किताबें नदारद

Sambhal News - चन्दौसी में डीआईओएस श्यामा कुमार की छापेमारी ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों की कमी और निजी प्रकाशकों के महंगे सेटों की बिक्री का खुलासा किया। अभिभावकों का आर्थिक शोषण हो रहा है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलFri, 11 April 2025 04:47 AM
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किताबों की दुकानों पर डीआईओएस की छापेमारी से हड़कंप, एनसीईआरटी की किताबें नदारद

चन्दौसी। शहर में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की मनमानी और दुकानदारों की सांठगांठ को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) श्यामा कुमार की छापेमारी से गुरुवार को खलबली मच गई। स्टेशन रोड स्थित एक प्रमुख किताब दुकान पर छापेमारी के दौरान यह सामने आया कि एनसीईआरटी की किताबें न के बराबर थीं, जबकि निजी प्रकाशकों की किताबों के महंगे सेट पहले से तैयार रखे गए थे। शहर के अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में निजी प्रकाशक की किताबें पढ़ाई जा रही है। स्कूल अपने द्वारा निर्धारित दुकान पर भेज कर बच्चों से किताबों की खरीद करा रहे हैं। इसमें दुकानदार व स्कूल प्रबंधन की पौ बारह रहती है। इसमें अभिभावक का जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है, लेकिन अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के कारण वह चुप होकर बैठ जाते हैं। कोई भी दुकानदार अथवा स्कूल एनसीईआरटी की बुक नहीं लगा रहा है। बुधवार को डीएम डॉ. राजेन्द्र पेंसिया ने बैठक कर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को निर्देश दिया गया था कि एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएं, लेकिन धरातल पर स्थिति उलट दिखी। इसको देखते हुए गुरुवार को छापे से पहले डीआईओएस ने अपना एक व्यक्ति भेजकर सीबीएसई की किताबें खरीदने को कहा। दुकानदार ने झट से निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें थमा दीं। जब उस व्यक्ति ने एनसीईआरटी की किताबों के बारे में पूछा, तो कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। इससे स्पष्ट हो गया कि छात्रों को निजी किताबें बेचने का सुनियोजित खेल चल रहा है। डीआईओएस की टीम ने फव्वारा चौक और संभल गेट की अन्य प्रमुख दुकानों पर भी छापेमारी की। हर जगह निजी प्रकाशकों की ही किताबें बिकती पाई गईं। डीआईओएस ने बताया कि कई अभिभावकों से बातचीत में सामने आया कि एक सेट की कीमत 5000 से 7000 तक है। दुकानों पर सिर्फ निजी प्रकाशकों की किताबें मिल रही थीं। एनसीईआरटी की किताबें या तो नहीं थीं या दुकान के कोने में छुपाकर रखी गई थीं।

यदि स्कूलों और दुकानदारों ने एनसीईआरटी की किताबें न बेचीं और बच्चों पर आर्थिक बोझ डाला, तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी प्रकाशकों की किताबें नहीं बेचने की जाएगी।

- श्यामा कुमार, डीआईओएस, संभल

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