Mock Drill Amid India-Pakistan Tensions Lack of Awareness and Preparedness Observed सुरक्षा का है मुद्दा, आप भी बरतें सतर्कता, Sambhal Hindi News - Hindustan
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सुरक्षा का है मुद्दा, आप भी बरतें सतर्कता

Sambhal News - भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच, जिले में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। हालांकि, इसमें लोगों की कमी और जागरूकता की कमी देखी गई। सिर्फ सायरन बजाकर और बलैक आउट किया गया। आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षा...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलFri, 9 May 2025 03:07 AM
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सुरक्षा का है मुद्दा, आप भी बरतें सतर्कता

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पाकिस्तान तनाव के बीच युद्ध से पहले की तैयारियों को परखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बुधवार को जिले में मॉकड्रिल किया गया, लेकिन इस आयोजन में लापरवाही बरती गई। केवल सायरन बजाकर और एक ही स्थान पर बलैक आउट कर मॉकडिल की खानापूर्ति की गई। लोगों में जागरूकता की कमी और आपदा प्रबंधन की लापरवाही से जिले में मॉकडिल केवल मजाक बनकर रह गई। भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी परिस्थितियों में आम लोगों की सुरक्षा और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की जबावी कार्रवाई करने को लेकर एक दिन का रिर्हसल करने का आदेश जारी हुआ था।

इसमें सभी आम लोगों समेत स्काउट गाइड, एनसीसी, एनएसएस, सेवानिवृत सैनिकों समेत चिकित्सकों व अन्य लोगों को आपातकालीन स्थिति से निपटने को अभ्यास कराया जाना था। जिससे युद्ध के समय खुद को संभालते हुए आसपास घायलों को बाहर निकाल अस्पताल पहुंचाने व सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके। इस मॉकडिल के दौरान ब्लैकआउट, मलवे से निकासी, प्राथमिक उपचार, कंटोल रूम को सूचना देना आदि गतिविधियां होनी थीं, लेकिन बुधवार को पुलिस लाइन में हुई मॉकडिल के दौरान सामने आया कि मॉकडिल में आम लोग नहीं पहुंचे थे। कुछ 112 डॉयल, फायर समेत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व कुछ स्काउट गाइड के छात्र-छात्रा ही पहुंचे। मॉकडिल में लोगों के हमले के प्रति बचाव को लेकर जागरूक करना था। इस दौरान केवल कुछ ही विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों को मॉकडिल कर बचाव के तरीके बताते हुए इतिश्री कर ली गई। बबराला में हुआ ब्लैकआउट हमले के बीच बुधवार की रात जिले की गुन्नौर तहसील के कस्बा बबराला में कुछ मिनट के लिए मॉकड्रिल के दौरान बलैक आउट किया गया। इस दौरान पुलिस ने सायरन बजाया और कुछ मिनट के लिए लाइट, रोशनी आदि को बंद कर दिया। सार्वजनिक स्थानों के अलावा लोगों ने अपने घरों की लाइटों को बंद रखा। मगर इस मॉकड्रिल के दौरान लोगों में जागरुकता की कमी और प्रशासनिक अमले में खानापूर्ति होती देखी गई। माकड्रिल में ब्लैक आउट और सायरन की आवाज बजाने के अलावा कुछ नहीं हुआ। अगले दिन सब भूल गए और कहीं पर गतिविधियां होती नजर नहीं आईं। सिविल डिफेंस में नहीं है संभल का नाम जिले में मॉक ड्रिल में खानापूर्ति किए जाने का सबसे बड़ा कारण रहा कि संभल जिला सिविल डिफेंस के जिलों में शामिल नहीं है। इसीलिए यहां पर सिविल डिफेंस सक्रिय रुप में नहीं है। नागरिक सुरक्षा विभाग प्रशासनिक अफसरों की मदद से आपदा प्रबंधन के काम करता आया है, उसी तरह माकड्रिल में चुनिंदा स्थानों पर ही काम किया गया। आपदा प्रबंधन की ओर से जागरूकता की कमी आपदा प्रबंधन पर गाइडलाइन का पालन करने को पत्र तो आया, लेकिन मॉकड्रिल को लेकर जागरुकता नहीं देखी गई। कलक्ट्रेट परिसर में आपदा प्रबंधन का दफतर तो है, लेकिन केवल जिला आपदा प्रबंधन की ही तैनाती है। इससे मॉकडिल के दौरान केवल खानापूर्ति की गई। अभ्यास के दौरान यह होनी थीं गतिविधियां -एयर रेड सायरनरू सायरनों के माध्यम से जनता को सतर्क करने की व्यवस्था। -ब्लैकआउटरू आपात स्थिति में बिजली की आपूर्ति बंद कर ब्लैकआउट की प्रक्रिया का अभ्यास। -कैमोफ्लाज अभ्यासरू बिजली संयंत्रों और दूरसंचार टावरों जैसी रणनीतिक संपत्तियों को अस्थायी रूप से हवाई दृश्य से छिपाने का अभ्यास। -निकासी अभ्यासरू उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की रणनीति। -सार्वजनिक प्रशिक्षण सत्ररू स्कूलों और कार्यालयों में सत्र आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा, आश्रय अभ्यास और शांत प्रतिक्रिया व्यवहार।

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