श्रीराम कथा के श्रवण से घर स्वर्ग बनते हैं : आचार्य संजीव रूप
Sambhal News - कस्बा रजपुरा के रामलीला मैदान में आर्य समाज द्वारा आयोजित श्रीराम कथा का समापन शुभ संकल्पों के साथ हुआ। आचार्य संजीव रूप ने यज्ञ कराया और बुराइयां छोड़ने का आह्वान किया। कथा में भगवान राम, सीता और...

कस्बा रजपुरा के रामलीला मैदान में आर्य समाज के तत्वावधान में चल रही श्रीराम कथा का समापन शुक्रवार को शुभ संकल्पों के साथ हो गया। आचार्य संजीव रूप ने सर्वप्रथम प्रातः बेला में विश्व शांति यज्ञ कराया। उन्होंने सभी से दक्षिणा में अपनी बुराइयां छोड़ने का आह्वान किया। कहा कि आचार्य के मन की दक्षिणा धन दौलत नहीं होती, किंतु यजमानों के द्वारा बुराइयां छोड़ने का संकल्प होता है। रात्रि में श्री राम कथा आरंभ हुई। कथा में भगवान राम सीता और लक्ष्मण वन को चले गए। केवट ने नाव में बिठाकर पार किया तो श्रीराम सोने वालों की केवट को क्या दूं मेरे पास तो कुछ भी नहीं है।वह कुछ संकोच में थे, उसी समय सीता ने समझ लिया और पति श्रीराम की हथेली पर चुपचाप अपनी अंगूठी उतार कर रख दी। इसके आगे की कथा का आचार्य ने बड़े ही सुंदर ढंग से वर्णन किया। इस दौरान इस दौरान अशोक अग्निहोत्री, राधेश्याम आर्य, प्रदीप गोयल, पंकज गोयल, ओमपाल आर्य, संतोष वाष्र्णेय, कूकामल, अंकित गोयल, सुरेंद्र कुमार वाष्र्णेय, सुरजीत यादव आदि रहे।
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