तेज रफ्तार कार ने आइसक्रीम विक्रेता को मारी टक्कर, मौके पर मौत
Sambhal News - चन्दौसी-बदायूं रोड पर एक तेज रफ्तार कार ने आइसक्रीम विक्रेता अथर (60) के ठेले को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। अथर की बेटी की शादी दो जून को...

चन्दौसी-बदायूं रोड स्थित एक आइसक्रीम फैक्ट्री के पास तेज रफ्तार कार ने एक आइसक्रीम विक्रेता के ठेले को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें विक्रेता की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझाकर जाम खुलवाया। बाद में पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना मंगलवार सुबह लगभग आठ बजे की है। कोतवाली क्षेत्र के गांव मई निवासी अथर (60) रोज़ की तरह आइसक्रीम फैक्ट्री से आइसक्रीम लेकर गांव ओरछी चौराहा जा रहे थे। कुछ ही दूरी तय करने के बाद पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार ने ठेले में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे अथर की मौके पर ही मौत हो गई और ठेला बुरी क्षतिग्रस्त हो गया।
मृतक का गांव घटना स्थल के पास होने के कारण परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। देखते ही देखते भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया। कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया और जाम को शांतिपूर्वक खुलवाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना ने परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि दो जून को अथर की बेटी की शादी होनी है लेकिन इस हादसे के बाद घर में कोहराम मच गया और शादी की तैयारियां मातम में बदल गईं। पुलिस ने कार की तलाश शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि दोषी वाहन चालक को चिन्हित कर कार्रवाई की जा सके। बेटी को विदा करने की चाहत रह गई अधूरी चन्दौसी। खुशियों से भरे घर में मातम पसर गया। दो जून को को अथर बेटी की शादी कर उसे खुशी खुशी विदा करता लेकिन शायद विधाता को यह मंजूर नहीं था। बेटी के हाथ पीले करने से पहले ही अथर काल के गाल में समा गया। आइसक्रीम बेचकर परिवार का पेट पालने वाला अथर रोज़ की तरह सुबह ठेला लेकर निकला था, लेकिन उसे क्या पता था कि आज की सुबह उसकी जिंदगी की आखिरी सुबह होगी। सड़क पर पड़ा उसका लहूलुहान शरीर और पास ही बिखरी आइसक्रीम उसके सपनों के बिखरने की गवाही दे रहीं थीं। घटना की सूचना मिलते ही परिजन और गांव के लोग मौके पर पहुंचे। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि जिस पिता ने अपनी बेटी की शादी के लिए दिन-रात मेहनत की अब वह इस दुनिया में नहीं रहा। दो जून को बेटी की शादी थी। घर में हल्दी, मेंहदी और सजे हुए कपड़े रखे थे, लेकिन अब वहां करुण क्रंदन और सफेद चादर ने जगह ले ली है। बेबस बैठी बेटी के लिए लाया गया लंहगा अब उस पर बोझ सा बन गया है। घर की दीवारें मानों शोक में डूब गई हों। घटना से गांव के लोगों और रिश्तेदारों की आंखें नम हैं। परिजनों ने प्रशासन से न्याय की मांग की है।
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