बदायूं हाईवे पर आवारा गोवंशीय पशु बन रहे हादसों का सबब, जिम्मेदार बेखबर
Sambhal News - गुन्नौर में आवारा गोवंशीय पशु हाईवे पर हादसों का कारण बन रहे हैं। प्रशासन ने गोशालाओं का विस्तार किया है, लेकिन सही क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। स्थानीय लोग दुर्घटनाओं से चिंतित हैं और प्रशासन से जल्द...

जनपद में जिला प्रशासन द्वारा गोवंशीय पशुओं को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद गुन्नौर में आवार गोवंशीय हाईवें पर हादसों की वजह बन रहे हैं। हाईवे पर गोवंशीय पशुओं की वजह से लोग आये दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। जिससे लोगों की जान पर बन आई है। हालांकि कई बार गोवंशीय पशुओं को संरक्षित करने को लेकर शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ है। गुन्नौर क्षेत्र के गांव सैंजना मुस्लिम के पास बदायूं हाईवे पर बड़ी संख्या में गोवंशीय पशु सड़कों और डिवाइडर पर बैठे रहते हैं। ये पशु दिनभर हाईवे पर विचरण करते हैं और भूख मिटाने के लिए आस-पास के खेतों में जाकर किसानों की फसलें नष्ट कर देते हैं। शाम होते ही ये फिर हाईवे पर लौट आते हैं। जिससे वाहनों के लिए खतरा बढ़ जाता है। हाईवे पर तेज गति से गुजरते वाहन जब हार्न बजाते हैं, तो ये गोवंश अचानक सड़क पर भागने लगते हैं। इससे छोटे वाहन चालक उनकी चपेट में आकर गंभीर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। अब तक कई लोग घायल हो चुके हैं और जान तक गंवा चुके हैं। उसके बाद भी गोवंशीय पशुओं को संरक्षित नहीं किया गया है। हालाकि समय-समय जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में संरक्षित कराया गया है। उसके बावजूद काफी संख्या में आवारा गोवंशीय पशु खेतों व सड़कों पर घूम रहे हैं। जबकि जनपद में 104 से अधिक गोशालाएं हैं। 102 अस्थाई गोशाला हैं। सभी गोशालाओं में लगभग 15318 गोवंशीय पशु संरक्षित हैं। उसके बाद भी काफी संख्या में गोवंशीय पशु खेतों व सड़कों पर घूम रहे हैं। कई बार ग्रामीण पशुओं को सरंक्षित करने के लिए अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं। उसके बाद भी लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
प्रशासन की ओर से किए गए प्रयास नाकाफी
जिला प्रशासन ने गोवंश संरक्षण के लिए गोशालाओं का विस्तार किया है, लेकिन उनका सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। आवारा गोवंशीय पशु सड़कों पर घूमने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इन बेसहारा पशुओं को जल्द से जल्द गोशालाओं में भेजा जाए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और पशुओं से फसलों को बचाया जा सके।
हम दिन-रात खेतों में मेहनत करके फसल उगाते हैं, लेकिन आवारा गोवंश रातोंरात हमारी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
- प्रमोद कुमार
रोजाना हाईवे पर सफर करना मुश्किल हो गया है। अचानक सड़क पर दौड़ते गोवंश कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। खासतौर पर रात में ये और भी खतरनाक हो जाते हैं। प्रशासन को जल्द कोई ठोस कदम उठाना चाहिए, नहीं तो बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
- रोहिताश यादव
हमने कई बार अधिकारियों से मांग कि इन गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में भेजा जाए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हर दिन हादसे हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चुप बैठ जाते हैं।
- मास्टर झम्मन सिंह
हमारे बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन रास्ते में घूम रहे बड़े-बड़े सांड और गोवंशीय पशु खतरा बने हुए हैं। कई बार बच्चे इनके कारण गिरकर घायल हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द गोवंशीय पशुओं के संरक्षण की व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
- तिलक सिंह
बदायूं हाईवे के डिवाइडर पर गोवंशीय पशु बैठने की शिकायत मिली है। अभियान चलाकर गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में संरक्षित कराया जाएगा। जिससे ग्रामीणों व वाहन चालकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो सके।
- दीपक चौधरी, एसडीएम, गुन्नौर
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