मॉर्निंग वॉकर्स के लिए टूटी सड़कें खतरनाक, हो जा रहे बीमार
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए शहर
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए शहर में काफी संख्या में महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग मॉर्निंग वॉक पर निकलते हैं। भोर में चार बजे से ही शहर की सड़कों पर लोग दिखने लगते हैं। कोई हाथ में डंडा लेकर तेज चल रहा होता है तो कोई दौड़ लगा रहा होता है। सेहत सुधारने निकले लोगों को यह चिंता सताती है कि टूटी सड़क पर कहीं गिर न जाएं। छुट्टा पशु हमला न कर दें। अराजक तत्व सुरक्षा के लिए खतरा न बन जाएं। इसके अलावा ऊबड़ खाबड़ सड़कों पर चलने के कारण मॉर्निंग वॉकर और बीमार पड़ रहे हैं। घुटने और कमर के दर्द की समस्या में भी जूझना पड़ रहा है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तन से बातचीत में जनपद के मॉनिंग वॉकर्स ने अपनी समस्याएं खुलकर साझा किया।
खलीलाबाद शहर की आबादी लगभग डेढ़ लाख से ऊपर पहुंच गई है। इनमें सेहत की चिंता करने वाले लोग भोर में चार बजे से आजाद चौक से लेकर डिग्री कॉलेज तक, मुखलिसपुर रोड, विधियानी रोड से रेलवे स्टेशन रोड, गायत्रीपुरम कॉलोनी, सिविल लाइन एरिया, बरदहिया, बंजरिया, टीचर्स कॉलोनी सहित शहर की विभिन्न सड़कों पर दिखते हैं। जिले में स्टेडियम और उद्यान विभाग के एक पार्क को छोड़ दिया जाए तो कहीं पर मॉर्निंग वॉकर्स के लिए समुचित प्रबंध नहीं है। कोई सड़क पर चल रहा है तो कोई सड़क की पटरियां खोजते हुए दिखाई देता है। कुछ लोग डिग्री कॉलेज व इंटर कॉलेजों के मैदान का उपयोग करते हैं। शहर की सड़कों पर चलने वालों के लिए खतरे कम नहीं हैं। भोर में ऑटो व अन्य वाहन रोड खाली समझ कर फर्राटा भरते हैं। वहीं मुखलिसपुर रोड से लेकर मेंहदावल बाईपास तक नो एंट्री के कारण ट्रकों और बड़े वाहनों का आवागमन भी तेजी से होता है। एक छोटी सी चूक पर लेने के देने पड़ जाते हैं। ऐसे में सेहत बनाने के लिए निकले लोगों को अपनी सेहत की और अधिक चिंता करनी पड़ती है। सड़कों पर जगह-जगह कुत्तों का झुंड दिखाई देता है। यह नजारा गोलाबाजार, गायत्रीपुरम, बंजरिया सहित कई जगह दिखता है। जहां से गुजरने वाले अपनी सुरक्षा को लेकर डरे रहते हैं। सुबह के समय सन्नाटा होने के चलते महिलाओं की सुरक्षा का भी खतरा रहता है। कुछ असामाजिक तत्व अपनी बाइकों से निकलते हैं और उनके हावभाव से डर का माहौल बनता है। कई बार महिलाएं छेड़खानी और दुर्घटना का शिकार हो जाती हैं। उनकी सुरक्षा को कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होता है। रात में होने वाली पुलिस पेट्रोलिंग भोर चार बजे तक थानों को वापस हो जाती है। मॉर्निंग वॉकर्स की सुरक्षा राम भरोसे होती है। मॉर्निंग वॉक के लिए समुचित प्रबंध भी नहीं है। सुबह टहलने वालों के लिए एक ट्रैक तक नहीं है। सिन्थेटिक कौन कहे मिट्टी का भी ट्रैक नहीं है। इस कारण मॉर्निंग वॉकर्स को हार्ड सड़कों पर चलना पड़ता है। उनके लिहाज से यह स्वास्थ्य के लिए बेहतर नहीं होता है।
स्टेडियम में बड़ी संख्या में जुटते हैं लोग
स्पोर्ट्स स्टेडियम में सुबह मॉर्निंग वॉकर्स काफी अधिक संख्या में जुटते हैं। वर्तमान समय में स्टेडियम में भी काम चल रहा है, इस कारण बाहर सड़क पर ही सभी को मॉर्निंग वॉक करना पड़ता है। हालांकि उस क्षेत्र में केवल सिविल लाइन एरिया के लोग ही पहुंच पाते हैं। स्टेडियम के पास ही उद्यान विभाग का पार्क भी बना है। इसलिए शहर के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। क्योंकि मुख्यालय से पार्क तक पहुंचने में ही तीन किमी की यात्रा तय करनी पड़ती है।
नई कॉलोनियों में भी नहीं छोड़ी पार्क की जगह
शहर का विस्तार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हुआ। कई नई कॉलोनियां बसीं लेकिन इनका कोई मानक तय नहीं रहा। किसी भी नई कॉलोनी में न तो पार्क के लिए जगह छोड़ा गया है और न ही मानक के अनुरूप रास्ते ही हैं। नगर पालिका यदि कई ओपन जिम लगाना चाहे भी तो जगह ही नहीं है। रोड के किनारे पटरी पर ही ओपन जिम लगाने की मजबूरी है। मुख्य शहर में भी पार्क की व्यवस्था नहीं है। जिला मुख्यालय पर एक भी पार्क न होने से मॉर्निंग वॉकरों के साथ ही बच्चों और युवाओं को भी परेशान होना पड़ता है।
बुजुर्गों और बच्चों के बैठने के लिए हो बेहतर प्रबंध
मॉर्निंग वॉक पर बुजुर्ग और बच्चे भी निकलते हैं। कुछ दूर जाने के बाद थकान लगती है। महानगरों व अन्य वार्किंग ट्रैक पर इनके बैठने के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बेंच लगे होते हैं। जहां पर यह बैठकर कुछ समय के लिए आराम करते हैं और फिर चलते हैं। संतकबीरनगर की अधिकांश सड़कें ही मॉर्निंग वाक ट्रैक हैं, जहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। शहर में भी थोड़ी-थोड़ी दूर पर बेंच लगाया जाना चाहिए।
मुख्य शहर में सुबह के समय होती है खूब भीड़
शहर की मुख्य सड़क पर सुबह चार बजे से छह बजे तक मॉर्निंग वॉकरों की काफी भीड़ होती है। महिला के साथ पुरुष भी निकलते हैं। कुछ लोग जूनियर हाईस्कूल परिसर में टहलते हैं, लेकिन अंधेरा होने के कारण उन्हे काफी परेशानी होती है। स्थानीय सर्वेश श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव, रामानुज राय ने कहा कि शहर की सड़कों पर सुबह के समय कई बाइक सवार तेज रफ्तार चलते हैं उनसे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। प्रीती, रेनू, पूनम ने बताया कि कई महिलाएं दुर्घटना का शिकार भी हो चुकी हैं। शहर में पार्क और वॉकिंग ट्रैक बनाए जाने की जरूरत है।
बातचीत में निकल कर आए सुझाव :
भोर में निकलने वालों को कई जगहों पर अंधेरा मिलता है, प्रकाश की व्यवस्था की जाए। वॉक पर निकलने वालों को सुरक्षा की चिंता रहती है, सुबह के समय फोर्स नहीं रहती। मॉर्निंग वॉक के रास्ते में कहीं पर भी यूरिनल की व्यवस्था नहीं है, इसकी व्यवस्था की जाए। बुजुर्ग और बच्चों को आराम करने के लिए बैठने की व्यवस्था की जाए। शहर में पार्क और वॉकिंग ट्रैक बनाया जाए, जिससे आसानी हो। शहर की खराब सड़कों को ठीक कराया जाए। सड़क की खराब पटरियों को बेहतरीन किया जाए।
ईओ नगर पालिका खलीलाबाद अवधेश कुमार भारती ने कहा कि शहर में मॉर्निंग वॉकरों के लिए बेहतर प्रबंध किया जा रहा है। समय माता मन्दिर पोखरे के सुन्दरीकरण में भी पाथवे बनाया जा रहा है। यहां पर भी सुबह शाम में लोग मॉर्निंग वॉक कर सकेंगे। इसके अलावा पार्क स्थापित किए जाने की भी कार्ययोजना तैयार हो रही है।
नगर पालिका अध्यक्ष जगत जायसवाल ने कहा कि शहर में सुसज्जित पार्क जल्द ही स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक मोहल्ले में ओपन जिम लगाए जाने का कार्य चल रहा है। कई मोहल्ले में ओपन जिम लगाया जा रहा है। वॉकिंग ट्रैक के लिए भी कार्य योजना तैयार कराई जाएगी। इसके अलावा मोहल्लो में पार्क के लिए जमीन चिन्हित की जाएगी।
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