एडीएम साहब! प्रधानाध्यापिका ससुराल में फरमाती आराम
Shahjahnpur News - सरकार 'सब पढ़ें-सब बढ़ें' योजना के तहत शिक्षा अभियान चला रही है, लेकिन शिक्षकों की लापरवाही से स्थिति गंभीर हो गई है। एडीएम ने स्कूलों का दौरा किया और कई स्कूलों में ताले लगे मिले, जबकि शिक्षक...

जहां सरकार सब पढ़े- सब बढ़े नाम पर सर्व शिक्षा अभियान चलाकर हर वर्ष करोड़ों रुपए का बजट सरकारी स्कूलों के ऊपर खर्च कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कार्य कर रही है। वही शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षकों का उदासीनता भरा रवैया सरकार के मंसूबे पर पानी फेरने का कार्य कर रहा है। मंगलवार को एडीएम वित्त अरविंद कुमार द्वारा भावलखेड़ा ब्लाक में सुबह सुबह ग्राउंड पर जाकर शिक्षा व्यवस्था की व्यवस्थाओं को परखा गया तो कुछ में ताला जड़ा मिला, तो कुछ में बच्चे उपस्थित लेकिन समय से अध्यापक ही नहीं मिले। जिस पर एडीएम का पारा चढ़ गया, उन्होंने कहा कि जब एडीएम जिला मुख्यालय से सुबह 8 बजे आ सकता है तो शिक्षक लोग क्यों नहीं। एडीएम ने शिक्षकों की गैरमौजूदगी में स्कूल में बच्चों की प्रार्थना कराई। इसमें सबसे बुरा हाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय फ़तियापुर का एडीएम वित्त को मिला, 9 बजे स्कूल के बाहर पहुंचने पर गेट में ताला लगा था, एडीएम ने 11 बजे तक इंतजार किया। उसके बाद भी न कोई अध्यापक न कोई बच्चा आया। वहां पर ग्रामीण इकठ्ठा हो गये और एडीएम से बोले कि कभी कभी विद्यालय खुलता है। प्रधानाध्यापिका- इंचार्ज आंचल अपने ससुराल में आराम फरमाती है। महीने में एक दो बार स्कूल आती है, अपने से प्रत्येक दिन का उपस्थिति बना लिया जाता है। पढ़ाई के लिए कुछ रुपते देकर बगल गांव के प्राइवेट लड़के को रखकर स्कूल की शिक्षा दीक्षा चल रही है। रसोईया भी गांव में रहती है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि मिड डे मील का खाना मनमाने तरीके से उपस्थित रजिस्टर बनाकर गोलमाल किया जाता है। गांव में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हमारे बच्चों का भविष्य खराब है, साहब कुछ आप करें ताकि स्कूल की अव्यवस्था सही हो जाए।
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