श्री अमरनाथ जी यात्रा को जिले में 210 श्रद्धालुओं ने कराए रजिस्ट्रेशन
Shamli News - अमरनाथ जी की यात्रा से पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के कारण देशभर में आक्रोश है। यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है, और श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन व स्वास्थ्य परीक्षण करा रहे...

श्री अमरनाथ जी की यात्रा से पहले जम्मू कश्मीर में पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले को लेकर देशभर में आक्रोश है। हालांकि अभी श्री अमरनाथ जी यात्रा प्रारंभ होने में दो माह से अधिक का समय है। जनपद में भी अमरनाथ जी यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन एवं स्वास्थ्य परीक्षण करा रहे है। जिले में अब तक 210 श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन करा लिए है। आतंकी घटना के बाद गुरुवार को भी जिला अस्पताल में अमरनाथ जी यात्रा के तीन रजिस्ट्रेशन हुए। चिकित्सीय परीक्षण हुए। समिति के मुताबिक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सामान्य है। तीन जुलाई से अमरनाथ जी यात्रा प्रारंभ हो रही है। इसके लिए श्री अमरनाथ जी साइन बोर्ड श्री नगर जम्मू ने श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन एवं स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ की है। जनपद शामली से भी हर साल सैकड़ों श्रद्धालु अमरनाथ जी यात्रा पर जाते है। इस बार शामली जिले में अब तक 210 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराए है। जिला अस्पताल में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। मेडिकल बोर्ड के सदस्य डा. समद ने बतााया कि गुरुवार में भी तीन लोगाों के रजिस्ट्रेशन हुए। उन्होंने बताया कि जिले में 210 रजिस्ट्रेशन हो चुके है। गत तीन चार दिनों में रजिस्ट्रेशन कम हुए है। श्रद्धालुओं का कहना है कि अभी यात्रा में समय है। अमरनाथ जी यात्रा का रजिस्ट्रेशन कराने वाले परवीन कुमार का कहना है कि वह पहले भी श्री अमरनाथ जी यात्रा कर चुके है इस बार भी उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया है। वह यात्रा पर जायेंगे। आतंकियों ने पहले भी अमरनाथ जी की यात्रा से पहले इस तरह से घिनौनी हरकते की है लेकिन आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होंगे। आतंकियों को मुहंतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।
अमरनाथ यात्रा के पहलगाम रूट भी अहम
अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम रूट अहम है। हालांकि इसका दूसरा रूट भी है लेकिन पहलगाम रूट का रास्ता आसान है। इस रुट से गुफा तक पहुंचने में तीन दिन लगते हैं। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं पड़ती है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है, जहां से चढ़ाई शुरू होती है। यह बेस कैंप से 16 किलोमीटर दूर है। तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पर पहुंचती है, जहां से पैदल चलते शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। यह सफर करीब नौ किलोमीटर का है। अगले दिन यात्री शेषनाग से 14 किलोमीटर दूर पंचतरणी जाते हैं। पंचतरणी से गुफा की दूरी सिर्फ छह किलोमीटर है।
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