जालंधर वध का मंचन देख भाव विभोर हुए दर्शक
Siddhart-nagar News - सोहना के महादेव गजपुर गांव में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के पांचवें दिन वृंदावन के बाल कलाकारों ने जालंधर वध की मनोहारी रासलीला का मंचन किया। दर्शकों ने महादेव, भगवान विष्णु और वृंदा की कहानी को भाव...

सोहना, हिन्दुस्तान संवाद। भनवापुर क्षेत्र के महादेव गजपुर गांव के नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में चल रहे रासलीला के पांचवें दिन गुरुवार रात वृंदावन से आए बाल कलाकारों ने जालंधर वध का मनोहारी मंचन किया। मंचन देख कर दर्शक भाव विभोर हो गए। कलाकारों ने दिखाया कि देवराज इन्द्र की जिद से क्रोधित होकर महादेव ने समुद्र से जालंधर दैत्य को जन्म दिया। तपस्या के बल पर जालंधर ने अनेक शक्तियां प्राप्त की। अहंकार में डूबकर वह त्रिदेव से युद्ध करने को तैयार हो गया। मंचन में आगे भगवान विष्णु ने विश्व मोहिनी का रूप धारण किया। इस सुंदरी का नाम वृंदा था, जिसका विवाह जालंधर से हुआ। भगवान विष्णु ने छल से वृंदा का पतिव्रत भंग करवाया। फिर भगवान शंकर ने जालंधर का वध कर दिया। छल का पता चलने पर वृंदा ने विष्णु को पत्थर होने का श्राप दिया। इस पर क्रोधित होकर लक्ष्मी ने वृंदा को जंगल की लकड़ी बनने का श्राप दिया। श्राप के प्रभाव से विष्णु शालिग्राम और वृंदा तुलसी के रूप में पूजी जाने लगीं। इस मौके पर आचार्य दुर्गेश शुक्ल, जगराम यादव, बब्बू पाण्डेय, बुद्धिराम विश्वकर्मा, जग्गी लाल, राजेंद्र, संतोष गुप्त आदि मौजूद रहे।
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