नाबालिग बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि, नम हुई आंखें
Sonbhadra News - म्योरपुर के हरहरी गांव में 13 वर्षीय मानमति ने अपने पिता को अंतिम संस्कार में कंधा दिया और मुखाग्नि दी। पिता की बीमारी से मृत्यु हो गई थी और घर में बेटा नहीं था। इस कदम ने सामाजिक बदलाव की दिशा में एक...

म्योरपुर, हिंदुस्तान संवाद। स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बभनडीहा के हरहरी में शुक्रवार को एक नाबालिग बेटी ने अपने पिता को कंधा देते हुए श्मशान घाट पर पहुंचकर मुखाग्नि दी। इस देखकर वहां पर मौजूद लोगों की आंखे नाम हो गई। बेटा नहीं होने के चलते बेटी ने पूरा फर्ज निभाते हुए पिता के अरमानों को पूरा किया। हरहरी गांव निवासी 56 वर्षीय बबई की शुक्रवार की सुबह बीमारी के चलते मौत हो गई। उनको बेटा नहीं है। छह पुत्रियों में पांच की शादी हो चुकी है। ऐसे में कंधा और मुखाग्नि देने को लेकर गांव में चर्चाएं होने लगी।
इस इस उनकी सबसे छोटी 13 वर्षीय मानमति ने कंधा देने व मुखाग्नि देने के लिए कही। उसने कहा कि पिता का सारा क्रियाकर्म मैं खुद अपने हाथों से करूंगी। यह सुन वहां पर जुटे ग्रामीण कंधा देने को तैयार हो गए और अंतिम क्रियाकर्म में लोग शामिल भी हो लिए। जिसके बाद नाबालिग बेटी ने पिता के अर्थी को कंधा दिया और शमशान घाट पर मुखाग्नि दी। पिता के चाहत और अरमानों को बेटा के बदले बेटी ने पूरा कर सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देने के साथ यह भी जता दिया कि बेटी भी किसी से कम नहीं है। बेटियां वह सब कर सकती हैं, जिसे परम्पराओं ने सदियों से वर्जित कर रखा है। गांव के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यनारायण यादव व ग्राम प्रधान संतालाल ने बताया कि बबई की मौत होने के बाद बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी।
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