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यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, अब सेवा निगम देखेगा भर्ती से सैलरी तक का काम

आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद भर्ती से लेकर तनख्वाह देने तक की जिम्मेदारी निगम ही संभालेगा। एजेंसियों को बाहर करने से सरकार को भी बचत होगी। इसके साथ ही कर्मचारियों के भी सेवा लाभ बढ़ेंगे। निगम के गठन का प्रस्ताव योगी कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जा सकता है।

Ajay Singh विशेष संवाददाता, लखनऊSat, 3 May 2025 08:20 AM
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यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, अब सेवा निगम देखेगा भर्ती से सैलरी तक का काम

Sewa Nigam for Outsourced Employees in UP: आउटसोर्स कर्मचारियों को अब एजेंसियों के उत्पीड़न से राहत मिलेगी। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद भर्ती से लेकर तनख्वाह देने तक की जिम्मेदारी निगम ही संभालेगा। एजेंसियों को बाहर करने से सरकार को भी बचत होगी इसके अलावा कर्मचारियों के भी सेवा लाभ बढ़ेंगे। सूत्र बताते हैं कि निगम के गठन का प्रस्ताव योगी कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जा सकता है।

आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्या पर चर्चा करते हुए जिम्मेदार विभागों ने माना था कि कर्मचारियों का चयन और उनका नवीनीकरण करते समय एजेंसियां धन वसूली करती हैं। सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई खाते नहीं खुलवाए जाते हैं और जिनके खुलते भी हैं, उनमें समय से पैसा जमा नहीं किया जाता है। इसकी वजह से कर्मचारियों को ईएसआई और ईपीएफ का लाभ नहीं मिलता है।

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सूत्र बताते हैं कि निगम का गठन कंपनी एक्ट में गैर लाभकारी संस्था के तौर पर किया जाएगा। निगम भर्ती की केंद्रीयत व्यवस्था बनाएगा। निगम ही सभी विभागों को आवश्यकता के मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाएगा। कर्मचारियों को तनख्वाह वेतन खाते में दी जाएगी। इससे कर्मचारी स्वत: बीमित होंगे। दुर्घटना या विकलांगता की स्थिति में 30 लाख रुपये का भुगतान बैंक कर्मचारी या परिवार को करेगा।

निगम का गठन होने से सरकार को भी लाभ होगा। आउटसोर्स कर्मचारियों पर अभी हो रहे खर्च में 22.5% की कमी आएगी। अभी जब एजेंसियों के मार्फत आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाते हैं तो सरकार को जीएसटी और एजेंसी के कमीशन का भुगतान करना होता है।

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ईएसआई और ईपीएफ से लाभ मिलेंगे

-महिला कर्मचारियों को 180 दिन की पेड मैटरनिटी लीव दी जाएगी

- मिसकैरेज पर 42 दिनों की पेड मैटरनिटी लीव मिलेगी

- अस्वस्थ होने पर 91 दिन तक 70% पेड लीव।

- ईएसआई चिकित्सालयों में कर्मियों को मुफ्त इलाज और जांचें

- ईएसआई चिकित्सा संस्थानों में कर्मचारियों के बच्चों के लिए निर्धारित सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा

- दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2.50 से 7 लाख रुपये तक घर वालों को

- सेवा अवधि पूरी करने के बाद पेंशन की सुविधा

- कर्मचारी की मृत्यु के बाद पत्नी अथवा माता-पिता को पेंशन

निगम बनने के बाद सरकार से मिलेंगी सुविधाएं

- एक वर्ष में 12 आकस्मिक अवकाश

- एक वर्ष में 10 दिन का चिकित्सा अवकाश

- शासकीय काम से मुख्यालय से बाहर जाने पर टीए-डीए

- सामान्य मृत्यु पर 2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये का भुगतान

लड़कियों को विदेश में पढ़ाने पर मिलेगी मदद

आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए वेलफेयर फंड का भी गठन निगम करेगा। प्रस्ताव में व्यवस्था की गई है कि चिकित्सा संस्थानों, इंजीनियरिंग, पीचडी, प्रबंधन में चयनित बालिकाओं को इस फंड से एक लाख रुपये दिए जाएंगे। परिवार की किसी एक बेटी को विदेश में भी पढ़ने के लिए एक लाख रुपये की राशि इसी फंड से दी जाएगी।