SP MP Zia ur Rehman Barq will be questioned in Sambhal violence case police will issue notice संभल हिंसा : सपा सांसद बर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी, पुलिस कार्रवाई को आगे बढ़ा रही कदम, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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संभल हिंसा : सपा सांसद बर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी, पुलिस कार्रवाई को आगे बढ़ा रही कदम

  • संभल में पिछले वर्ष नवंबर माह में हुई हिंसा मामले में पुलिस समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान वर्क को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, संभलMon, 24 March 2025 06:31 PM
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संभल हिंसा : सपा सांसद बर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी, पुलिस कार्रवाई को आगे बढ़ा रही कदम

पिछले साल नवंबर में हुई संभल हिंसा मामले में जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। पुलिस सपा सांसद को पूछताछ करने के लिए 41ए के तहत नोटिस नोटिस जारी करेगी। शहर विधायक के बेटे सुहेल इकबाल से भी पुलिस जल्द पूछताछ कर सकती है। 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार युवकों की मौत हुई थी। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों समेत 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। एसआईटी ने रविवार को जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को हिरासत में लेकर चार घंटे पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सदर को जेल भेजने के बाद अब पुलिस सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को 41ए का नोटिस देने की तैयारी कर रही है। अगर पुलिस की तरफ से सांसद को नोटिस जारी किया गया, तो सांसद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस इस प्रकरण में सांसद से पूछताछ की तैयारी कर रही है।

एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि विवेचना के लिए सांसद को बीएनएस की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया जाएगा। हिंसा के दौरान सांसद ने किससे क्या बात की और उनके बयान क्या थे, यह जांच का अहम हिस्सा रहेगा। पुलिस यह भी पता लगाएगी कि क्या सांसद की किसी बात या बयान का हिंसा भड़काने में कोई संबंध था।

पूछताछ के बाद तय होगी आगे की कार्रवाई

संभल। एसपी बिश्नोई ने कहा कि सांसद से पूछताछ जरूरी है, ताकि हिंसा की गहराई से जांच की जा सके। उनके बयानों और बातचीत का विश्लेषण किया जाएगा, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पुलिस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही है। हिंसा मामले में पुलिस 81 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और अब जांच का दायरा और बढ़ाया जा रहा है। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जाएगी। प्रशासन मामले में सख्ती बरतते हुए निष्पक्ष कार्रवाई का दावा कर रहा है।

जफर अली की प्रेस कॉन्फ्रेंस बनी गिरफ्तारी की वजह, एसआईटी ने बनाया आधार

संभल, कार्यालय संवाददाता। 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस उनकी गिरफ्तारी का मुख्य कारण बनी। 25 नवंबर को आयोजित इस प्रेस वार्ता में उन्होंने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए, लेकिन उनके समर्थन में ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सके।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जफर अली ने प्रशासन पर अवैध सर्वे कराने का आरोप लगाया और कहा कि 24 नवंबर को हुए सर्वे से पहले उन्हें कोई आधिकारिक नोटिस नहीं मिला। उन्होंने बताया कि हिंदू पक्ष 23 नवंबर को डीएम से मुलाकात कर सर्वे के लिए आवेदन लेकर पहुंचा था। इस दौरान उन्हें स्थानीय प्रशासन ने बुलाया, लेकिन तबीयत ठीक न होने के कारण वह नहीं जा सके। जफर अली ने पुलिस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि वुजूखाने का पानी जबरन बाहर निकालने से लोगों में मस्जिद की खुदाई को लेकर भ्रम फैला, जिससे आक्रोश बढ़ा। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने भीड़ को उकसाया और चार युवकों की मौत पुलिस की गोली से हुई। एसआईटी ने उनकी इन टिप्पणियों को जांच का आधार बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की, जिससे उनकी गिरफ्तारी संभव हुई।