हो सकता है आरडीएक्स का धमाका, ई-मेल से मिली राम मंदिर को नुकसान पहुंचाने की धमकी, रिपोर्ट दर्ज
- अयोध्या में रामजन्मभूमि क्षेत्र के आधिकारिक ई मेल एड्रेस पर मिली एक मेल से हड़कंप मचा है। तमिलनाडु से भेजे गए इस ईमेल में महिलाओं और बच्चों को राम मंदिर से दूर रखने की हिदायत दी गई है।

अयोध्या में रामजन्मभूमि क्षेत्र के आधिकारिक ई मेल एड्रेस पर मिली एक मेल से हड़कंप मचा है। तमिलनाडु से भेजे गए इस ईमेल में महिलाओं और बच्चों को राम मंदिर से दूर रखने की हिदायत दी गई है। इसके पीछे ध्यान भटकाने के लिए स्टालिन समर्थकों की ओर से राम मंदिर में आरडीएक्स से धमाके की आशंका जताई गई है। प्रकरण में साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है और पुलिस के साथ शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने तहकीकात शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु प्रांत के पेरामलाई निवासी कृष्णा कोलाई के ईमेल ऐड्रेस से हिंदी भाषा में एक लंबा चौड़ा ईमेल श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट के आधिकारिक ईमेल एड्रेस पर भेजा गया है। 12 अप्रैल की शाम 5:30 बजे के बाद ट्रस्ट को मिले इस मेल की प्रति पुलिस और अन्य अधिकारियों को भी भेजी गई है। साइबर क्राइम थाना पुलिस में ट्रस्ट की ओर से ईमेल मिलने के एक दिन बाद रविवार को ईमेल एड्रेस के आधार पर आईटी एक्ट तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा में रिपोर्ट पंजीकृत कराई गई है।
पुलिस से जुड़े शीर्ष सूत्रों का कहना है कि श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को भेजे गए ईमेल में भेजने वाले कृष्णा कोलाई ने अपने 18 लाइन के संदेश में राम जन्मभूमि मंदिर में आरडीएक्स के धमाके आशंका व्यक्त करते हुए चेताया है। खुद को आईएसआई का बताने वाले इस शख्स ने दावा किया है कि यह धमाका एक तमिल संगठन कर सकता है। दावा किया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से संचालित ट्रस्ट तथा उनकी सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान भटकाने, जांच, कार्रवाई से बचने के लिए राम मंदिर में आरडीएक्स से धमाके की साजिश रची जा रही है।
गौरतलब है कि समय-समय पर राम मंदिर को लेकर धमकी का मामला सामने आता रहता है। सोशल मीडिया से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर धमकी दी जा चुकी है। पूर्व में खालिस्तान आतंकी पन्नु की ओर से धमाके की धमकी का मामला प्रकाश में आया था तो ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने बिहार निवासी युवक को गिरफ्तार किया था। इस बाबत पुलिस के अधिकारियों से प्रकरण की जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन मामला राम मंदिर से जुड़ा होने तथा सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशीलता के कारण सभी अधिकारी कुछ बोलने से बच रहे हैं।