अस्तित्व खो चुकी नदी को जीर्णोद्धार का इंतजार
Unnao News - फतेहपुर चौरासी के कटरी क्षेत्र की कल्याणी नदी अब अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। इसके जीर्णोद्धार के लिए धन आवंटित किया गया है, पर साफ-सफाई और गहराई बढ़ाने का काम नहीं हुआ। इस नदी के किनारे बसे...

फतेहपुर चौरासी। कटरी क्षेत्र का कल्याण करने वाली कल्याणी नदी अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। कल्याणी नदी के जीर्णोद्धार के लिए आए दिन सूचना मिलती रहती है कि काफी धन आवंटित किया जा चुका है लेकिन न तो साफ सफाई का काम शुरू हुआ और न ही गहराई बढ़ाने का काम किया गया। कटरी क्षेत्र के लगभग आधा सैकड़ा गांव इस कल्याणी नदी के किनारे बसे हैं। जिनकी खेती इसी नदी के जल पर निर्भर थी। आज नदी सूख गई है। जल कुंभी भी फैल गई है। कल्याणी नदी हरदोई जनपद के बिलग्राम के पास की किसी झील से निकल कर लगभग एक सौं किमी की दूरी तय कर उन्नाव जनपद के परियर के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
क्षेत्र फतेहपुर चौरासी में करीब तीस किमी दूरी तय कर बहती है। वर्तमान समय से करीब एक दशक पूर्व इसी नदी के किनारे बबुरिहा गांव और सूसूमऊ गांव में विशाल पशु मेला लगता था। यहां आने वाले पशुओं को पीने का पानी इसी नदी से मिलता था। पशु व्यापारी महीनों इन मेलों में रुकते थे। लेकिन आज बैल गाड़ी का प्रचलन लगभग समाप्त हो गया। खेती में भी बैलों का स्थान ट्रैक्टर, थ्रेसर और अन्य कृषि यंत्रों ने ले लिया। उधर शासन की नीतियों ने भी पशु बाजारों व मेलों को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई है। नदी के किनारों पर लगने वाले मेलों बाजारों के बन्द होने से साफ सफाई पर ध्यान देना बन्द कर दिया गया।
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