आगरा नगर निगम बनाएगा पार्किंग, अब घर के बाहर नहीं खड़े होंगे वाहन, जानें डिटेल
यूपी के शहरों में पार्किंग की समस्या विकराल होती जा रही है। घर के बाहर सड़क पर वाहन पार्क किया जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर विकास विभाग ने पार्किंग की नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय है।

यूपी के शहरों में पार्किंग की समस्या विकराल होती जा रही है। लोग बड़े वाहन तो खरीद रहे हैं, लेकिन उनके रखने के लिए घरों में स्थान नहीं है। घर के बाहर सड़क पर वाहन पार्क किया जाता है। इसकी वजह से झगड़े होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर विकास विभाग ने पार्किंग की नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय है। इसके तहत घर के बाहर सड़क पर रात्रिकालीन पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। नगर निगम को इस सुविधा के लिए शुल्क अदा करना होगा।
शासन ने यह व्यवस्था प्रदेश के सभी नगर निगमों और 10 लाख से काम आबादी शहरों के लिए लागू की है। इस योजना के तहत शहर में रात्रिकालीन पार्किंग व्यवस्था के कई स्थानों का चयन किया जाएगा, जहां आसानी से वाहन पार्क किया जा सके। शहर में बने फ्लाईओवरों के नीचे भी वैकल्पिक पार्किंग बनाने की योजना है। इस तरह की पार्किंगों के शहर में आने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान प्रयास में लाया जा सकेगा।
नगर निगम पार्कों की भूमि पर भूमिगत पार्किंग निर्माण की व्यवस्था पर काम कर सकेंगे। इसके तहत पार्क में भूमिगत पार्किंग बनाने के दौरान सतह पार्क में 95 फीसदी हरियाली को कायम रखा जाएगा। किसी भी हरित क्षेत्र में पार्किंग बनाने की अनुमति नहीं होगी। शासन ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए नगर निगमों की 12 सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। ये कमेटी शहर में सर्वे करके ऐसे स्थलों का चयन करेंगे, जहां पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जा सके। इसके बाद यहां पीपीपी मोड पर निगम निधि से व्यय वहन कर पार्किंग निर्माण करने के बाद वहां पार्किंग ठेका उठाया जाएगा।
यहां बनाए जा सकेंगे पार्किंग स्थल
- विद्यमान पार्किंग स्थलों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी
- मल्टीस्टोरी पार्किंगों के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाएगा
- विशेष परिस्थिति में 12 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर
- पार्कों के नीचे भूमिगत पार्किंग का निर्माण किया जा सकेगा
- शहर में बने फ्लाईओवरों के नीचे पार्किंग बन सकेगी
- व्यवसायिक या मिश्रित भू उपयोग के भूखंडों का प्रयोग
ये होंगी पार्किंग की दरें
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में
- दो घंटे के लिए दोपहिया 15 रु., चारपहिया 30 रु.
- एक घंटे के लिए दोपहिया 7 रु., चारपहिया 15 रु.
- 24 घंटे के लिए दोपहिया 57 रु., चारपहिया 120 रु.
- मासिक पास दोपहिया 855 रु., चारपहिया 1800 रु.
10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में
- दो घंटे के लिए दोपहिया 10 रु., चारपहिया 20 रु.
- एक घंटे के लिए दोपहिया 5 रु., चारपहिया 10 रु.
- 24 घंटे के लिए दोपहिया 40 रु., चारपहिया 80 रु.
- मासिक पास दोपहिया 600 रु., चारपहिया 1200 रु.
सुरक्षा का इंतजाम, लाइसेंस दिया जाएगा
खुले स्थान पर भी पार्किंग का ठेका दिया जाएगा। इसमें मैदान, सड़क के किनारे चौड़े फुटपाथ वाले स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। कोई भी व्यक्ति मनमाने तरीके से अपने घर के बाहर या फिर अपनी खाली जमीन पर पार्किंग नहीं चला पाएगा। उसे ऐसी पार्किंग चलाने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा। पार्किंग स्थल पर वाहनों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना होगा। इसके तहत सीसीटीवी कैमरों के अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे। डिजिटल साइनेज, बूम बैरियर, इलेक्ट्रानिक वाहन चार्जिंग प्वाइंट, नियमों की अवहेलना की स्थिति में नगर आयुक्त 30 दिन के अंदर पार्किंग का ठेका निरस्त कर सकेंगे।