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UP Budget: योगी सरकार का 9वां बजट पेश, किसे क्या मिला लाभ? डिटेल में समझें

  • यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को यूपी विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें अनुसंधान एवं विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 20 Feb 2025 12:57 PM
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UP Budget: योगी सरकार का 9वां बजट पेश, किसे क्या मिला लाभ? डिटेल में समझें

UP Budget 2025-26 : यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को यूपी विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें अनुसंधान एवं विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। खन्ना ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 22 प्रतिशत राशि विकास प्रयोजन के लिए, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि व संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत जबकि चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए छह प्रतिशत राशि आवंटित की गई है। खन्ना ने कहा, हमने बजट में अनुसंधान, विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया है। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में हुए विकास का उल्लेख करते हुए की।

उन्होंने महाकुंभ का जिक्र करते हुए इसे न केवल एक सांस्कृतिक तथा धार्मिक आयोजन बताया, बल्कि इसे भारत की प्राचीन आस्था व सांस्कृतिक अखंडता का प्रतीक करार दिया। खन्ना ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल बजट परिव्यय वित्त वर्ष 2025 के बजट परिव्यय से 9.8 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के बजट का आकार 7,36,437 करोड़ रुपये था जिसमें 24,863.57 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल थीं। वित्त मंत्री ने 'आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी' के निर्माण और 'टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क' की स्थापना की नई योजनाओं की भी घोषणा की। राज्य के बजट में विधानसभा के आधुनिकीकरण के साथ-साथ विद्यालयों तथा 'पॉलिटेक्निक' में स्मार्ट कक्षाओं और प्रयोगशालाओं के विकास का भी प्रावधान है। इसके अलावा बजट में किसे क्या मिला है? हम आपको पूरी डिटेल में बताएंगे।

किसान

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लगभग 03 करोड़ कृषकों को लगभग 79,500 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया।

पी.एम. कुसुम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना करायी गयी।

कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनाँक 14 सितम्बर, 2019 से लागू की गई है।

कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउन्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है।

वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2.73,000 करोड़ रूपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रूपये अधिक है।

औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रूपये प्रति कुन्तल की दर से 43,364 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई। इसके लिये शोध संस्थानों के वैज्ञानिक, छात्र तथा हमारे परिश्रमी किसान भाई बधाई के पात्र है।

महिला एवं बाल विकास

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 96 लाख से अधिक परिवारों की महिलाओं को आच्छादित किया गया है।

ग्राम स्तर पर डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने हेतु बी.सी.सखी योजना के अन्तर्गत 39.556 बी. सी. सखी द्वारा कार्य करते हुये 31.103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन किया गया व 84.38 करोड रुपये का लाभांश अर्जित किया गया।

लखपति महिला योजना के अन्तर्गत 31 लाख से अधिक दीदियों का चिन्हींकन किया गया है तथा 02 लाख से अधिक महिलाएं लखपति की श्रेणी में आ चुकी हैं।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत अब तक लगभग 1.86 करोड लाभार्थियों को गैस कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं।

उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 02 निःशुल्क सिलिण्डर वितरित किये जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में महिला स्वामित्व वाली प्रोड्यूसर कम्पनियों के गठन हेतु महिला सामर्थ्य योजना संचालित है।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु सह शिक्षा की व्यवस्था के साथ-साथ बालिका छात्रावास का निर्माण, बालिकाओं का सशक्तिकरण, मीना मंच, आत्त्म रक्षा प्रशिक्षण एवं संवेदीकरण आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी को पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान किये की नई योजना लायी जा रही है।

युवा

स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत 49.86 लाख स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किये जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में इस योजना के तहत टैबलेट उपलबध कराये जायेंगे।

प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के समीप ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का संचालन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सत्र 2024-25 में 54,833 अभ्यर्थियों को शिक्षुता प्रशिक्षण हेतु योजित किया गया।

प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2024-2025 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना प्रारम्भ की गई है।

यह अपने तरह की पहली योजना है जिसमें सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने हेतु युवाओं को गारण्टी मुक्त एवं ब्याज मुफ्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

इस योजना के अन्तर्गत प्रतिवर्ष 01 लाख नये सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।

श्रमिक कल्याण

मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत माह सितम्बर, 2024 तक 6,22.974 लाभार्थी हैं।

निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के अन्तर्गत माह सितम्बर, 2024 तक 41,453 लाभार्थी हैं।

कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक के कुल 02 बालिकाओं के स्वजातीय विवाह की स्थिति में 55,000 रूपये तथा अन्तर्जातीय विवाह की स्थिति में 61,000 रूपये की रकम दिये जाने का प्राविधान है।

निर्माण कामगार गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति करायी जा रही है।

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना/मुख्यमंत्री जन-आरोग्य योजना से आच्छादित कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

आवासीय विद्यालय योजना प्रदेश के 12 जनपदों में संचालित है, जिनमें प्रत्येक विद्यालय में 100-100 बालक एवं बालिकाओं को प्रदेशित किये जाने का प्रावधान है।

निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निशुल्क गुणवत्तापूर्ण एवं उद्देश्यपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में 360 बच्चों की क्षमता वाला एक-एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित है।

इन विद्यालयों की क्षमता भविष्य में बढ़ाकर 1000 प्रति विद्यालय किया जायेगा।

चिकित्सा शिक्षा

वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल कालेज है जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं एवं 36 निजी क्षेत्र में है।

प्रदेश में 02 एम्स एवं आई०एम०एस०, बी०एच०यू०, वाराणसी तथा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित हैं।

वर्ष 2024-2025 में 13 स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं पी०पी०पी० मोड पर 03 जनपदों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये हैं।

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं।

आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है।

वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है।

उप केन्द्रों से टेलीकन्सलटेशन प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने का आरम्भ जुलाई, 2020 से किया गया है।

प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पी०पी०पी० मोड पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।

प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पी०पी०पी० मोड पर जनपदीय चिकित्सालयों में सी०टी० स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही है।

कृषि

प्रदेश में दलहनी एवं तिलहनी फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से निःशुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

उक्त दोनों योजनाओं हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये उत्तर प्रदेश बीज स्वावलम्बन नीति, 2024 के अन्तर्गत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना संचालित है, जिसके लिये 251 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग योजना के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जायेगा, जिसके लिय 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

पीएम. कुसुम योजना के अन्तर्गत कृक्षकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है जिसके लिये 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कृषि क्षेत्र की क्षमता एवं कौशल विकास तथा उत्पादन वृद्धि की योजना के लिये 200 करोड़ रुपये एवं विश्व बैंक सहायतित यू.पी. एग्रीज परियोजना के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान

कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यों में गतिशीलता बनाये रखने तथा प्रभावी परिणाम कृषकों को उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में पाँच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित हैं।

प्रदेश में 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की गयी है। प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित हैं।

जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों हेतु लगभग 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

महिला एवं बाल विकास

निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन के भुगतान हेतु 2980 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजनान्तर्गत 700 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झाँसी एवं आगरा में मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावासों के निर्माण की नई योजना प्रस्तावित की गई है जिसके 170 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

कोविड के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है उनकी देखभाल और वित्तीय सहायता हेतु संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिये 252 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

पुष्टाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत समन्वित बाल विकास परियोजनाओं पर राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले पोषाहार के लिये लगभग 4119 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय के भुगतान हेतु 971 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।