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इस शर्मनाक घटना में यूपी देश में सबसे आगे, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में दी जानकारी

यूपी से लोकसभा की सांसद और केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के मामले में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने कई राज्यों का डाटा भी दिया है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानTue, 25 March 2025 06:32 PM
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इस शर्मनाक घटना में यूपी देश में सबसे आगे, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में दी जानकारी

यूपी में एक तरफ भाजपा की योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने आठ साल पूरे होने का जश्न मना रही है। सरकार की उपलब्धियों का बखान जिले जिले में मंत्री और विधायक कर रहे हैं। इस बीच राज्यसभा में एक ऐसा आंकड़ा पेश हुआ है जो यूपी के लिए शर्मनाक है। इसमें बताया गया है कि मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के मामले में यूपी देश में सबसे आगे हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2024 में मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग की सबसे अधिक 33 शिकायतें उत्तर प्रदेश में आयीं हैं। जबकि बिहार में इस तरह की 17, राजस्थान में 15 और मध्यप्रदेश में 12 शिकायतें मिलीं हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ऐसे मामलों में सख्त उपाय करता है जिनमें नियमित निगरानी तथा चिकित्सा संस्थानों के डीन एवं प्राचार्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये चर्चा शामिल हैं।

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उन्होंने कहा कि एनएमसी ने ऐसे संस्थानों के लिए रैगिंग-रोधी वार्षिक रिपोर्ट पेश करने को अनिवार्य बना रखा है ताकि रैगिंग-रोधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं होने पर कड़ी सजा दी जाती है जिसमें मान्यता वापस लेने और अन्य दंडात्मक उपाय शामिल हैं जिनका उद्देश्य सुरक्षित एवं सहयोगात्मक शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करना है।

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मंत्री ने कहा कि रैगिंग को रोकने के लिए कानून बनाने सहित तमाम उपाय किए गये हैं। इसमें प्रवेश पुस्तिका विवरणिका में रैगिंग-रोधी उपायों का स्पष्टता से उल्लेख करना शामिल है। उन्होंने कहा कि विभिन्न उपायों में, परिसर के उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है जो सुरक्षा की दृष्टि से नाजुक माने जाते हैं, जिनमें कॉलेज, अस्पताल एवं छात्रावास शामिल हैं। इसके अलावा संस्थानों में विभिन्न स्तरों पर रैगिंग-रोधी पोस्टर एवं होर्डिंग लगाना भी शामिल हैं।