UP Prayagraj Mahakumbh 2025 Kinnar Akhada Acharya Mahamandaleshwar Dr Lakshmi Narayan Tripathi महाकुंभ 2025: खुद की कोई संतान नहीं पर हैं कई 'बच्चों' की मां, यहां बसा किन्नर अखाड़े का परिवार, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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महाकुंभ 2025: खुद की कोई संतान नहीं पर हैं कई 'बच्चों' की मां, यहां बसा किन्नर अखाड़े का परिवार

  • किन्नर अखाड़ा प्रयागराज पहुंच गया है। महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 16 में किन्नर अखाड़ा का परिवार बस रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर को अखाड़े की किन्नर अपनत्व के साथ मां कहती हैं। खुद की कोई संतान नहीं पर हैं कई 'बच्चों' की मां हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अभिषेक मिश्र, प्रयागराजFri, 10 Jan 2025 07:13 AM
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महाकुंभ 2025: खुद की कोई संतान नहीं पर हैं कई 'बच्चों' की मां, यहां बसा किन्नर अखाड़े का परिवार

महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 16 संगम लोअर मार्ग पर बस रहा है किन्नर अखाड़ा। इसे किन्नरों का परिवार भी कह सकते हैं। एक ऐसा परिवार जहां रहने वाली मां ने किसी बच्चे को नहीं जना पर उसे मां कहने वाले एक-दो नहीं बल्कि कई हैं। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को सभी किन्नर मां कहकर ही संबोधित करती हैं, बुलाते वक्त भाव भी बिल्कुल वही होता है जैसे अपनी मां को पुकार रही हों।

प्रयाग में किन्नर अखाड़े का 12 साल पर लगने वाला यह पहला महाकुम्भ (पूर्व में कुम्भ) है, इससे पूर्व छह साल पर लगने वाले 2019 के कुम्भ (पूर्व में अर्धकुम्भ) में पहली बार इस अखाड़े का शिविर लगा था। अखाड़ा गठन के काफी पहले से ही किन्नरों के अधिकार और सम्मान के लिए संर्घषरत अखाड़ा प्रमुख डॉ. त्रिपाठी के समर्पण को देख किन्नरों के मन में ऐसा प्रेम उमड़ा कि लक्ष्मी दीदी कब लक्ष्मी माई बन गई, यह उन्हें खुद भी पता नहीं चला। इस अखाड़े के अलावा देश-विदेश की हजारों किन्नर इन्हें अपनत्व के साथ बड़े ही आदरभाव से मां कहकर बुलाती हैं।

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अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि का नाम 65 किन्नरों के पहचान पत्र में बतौर मां दर्ज है। वह इस अखाड़े की प्रदेश प्रभारी भी हैं। प्रदेश सरकार ने जब उन्हें किन्नर कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया तो उन्होंने किन्नरों के पहचान पत्र की मांग उठाई। पहचान पत्र बनने लगा तो अड़चन अभिभावक के नाम को लेकर आई। कौशल्यानंद गिरि आगे आईं और खुद को सबका अभिभावक बताते हुए डीएम को शपथ पत्र दिया। पहचान पत्र में इन्हें बतौर मां दर्ज किया गया है। कहती हैं कि उन्होंने सभी को गोद ले लिया है सब उन्हें मां की तरह ही दुलार करती हैं।

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