महाकुंभ भगदड़ में खो गई मां, गुवाहाटी से ड्यूटी छोड़ बेटा तलाश में प्रयागराज आया
- सतीश कुमार की मां संबावती देवी मोहल्ले की महिलाओं के समूह के साथ मौनी अमावस्या पर संगम स्नान करने प्रयागराज आई थीं। 28 जनवरी को आधीरात के बाद हुई भगदड़ में वह अपने समूह से बिछड़ गई।

प्रयागराज में महाकुम्भ नगर के सेक्टर चार स्थित खोया पाया केंद्र का रजिस्ट्रेशन काउंटर। काउंटर पर खड़ा युवक। आंखों से झरझर बहती अश्रुधार। हाथ में मोबाइल स्क्रीन पर मां की तस्वीर। काउंटर पर बैठे व्यक्ति को अपनी मां के बारे में बताते हुए वह फफक कर रो पड़ा। मेरी मां 28 जनवरी की रात भगदड़ के बाद से गायब है। यह दर्द है पटना में रहने वाले युवक सतीश कुमार का। उसकी मां संबावती देवी मोहल्ले की महिलाओं के समूह के साथ मौनी अमावस्या पर संगम स्नान करने प्रयागराज आई थीं।
28 जनवरी को आधीरात के बाद हुई भगदड़ में वह अपने समूह से बिछड़ गई। समूह की एक महिला ने गुवाहाटी में मेडिकल ड्यूटी करने वाले उनके बेटे सतीश कुमार को फोन करके उसकी मां के गुम होने की सूचना दी। सतीश ने बताया कि सूचना मिलते ही वह ट्रेन से प्रयागराज के लिए रवाना हुआ। गुरुवार की दोपहर में प्रयागराज पहुंचा। काउंटर पर मां की फोटो एआई कैमरे में कैद हो गई। तकनीक के जरिए संबावती देवी की तलाश भले शुरू हो गई लेकिन सतीश कुमार ने अपने स्तर से भी तलाश जारी रखी है। इस केंद्र पर ऐसे कई लोग हैं जो अपने परिजनों की तलाश में पिछले 48 घंटों से भटक रहे हैं।
अररिया बिहार के जितेंद्र प्रसाद अपने पिता गणेश प्रसाद सिंह की तलाश कर रहे हैं जो भगदड़ के समय उनसे बिछड़ गए थे। इस केंद्र की गैलरी में बैठीं राजस्थान के भरतपुर की शारदा देवी को अपने पति की प्रतीक्षा है। वह यह कहते हुए रो पड़ीं कि उनके पास तो पैसा भी नहीं है कि वह कुछ खा सकें। बिहार के बेगूसराय से नौ लोगों का समूह संगम नहाने आया था। समूह के दो पुरुष सदस्य विजय कुमार और नीरज कुमार भी भगदड़ के बाद से लापता हैं। समूह की सात महिला सदस्य खोया पाया केंद्र की गैलरी में उनकी प्रतीक्षा में बैठी हैं।