बोले काशी- असर- बकरिया कुंड की भी नैनो बबल तकनीक से सफाई
Varanasi News - वाराणसी के बकरिया कुंड की सफाई जल्द शुरू होगी। नगर निगम ने शंकुलधारा तालाब की तर्ज पर नैनो बबल तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है। अगले महीने से काम शुरू होने की उम्मीद है। कुंड के रखरखाव के लिए...
वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता तीन साल से बदहाल बकरिया कुंड की सफाई जल्द शुरू होगी। नगर निगम प्रशासन ने शंकुलधारा तालाब की तर्ज पर नैनो बबल तकनीक से सफाई कराने का निर्णय लिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले माह से काम शुरू हो जाएगा।
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के बोले काशी अंक में 14 अप्रैल को ‘सहेजें इन्हें, तभी पौराणिक रह पाएगी शिव की नगरी शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। नगर निगम प्रशासन आगे भी बकरिया कुंड के रखरखाव की कार्ययोजना भी बना रहा है। जिस तरह दुर्गाकुंड में नगर निगम ने वेल्सपन इंजीनियरिंग कंपनी को पांच साल तक रखरखाव का जिम्मा दिया है, उसी तरह किसी संस्था को यह यह जिम्मेदारी दी जाएगी। पौराणिक महत्व का यह कुंड बदहाली का शिकार है। 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुंदरीकरण का लोकार्पण किया था। वीडीए ने नगर निगम को साल 2022 में हैंडओवर किया था इसके बाद इसका ध्यान नहीं रखा गया। इस बारे में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि शंकुलधारा की तर्ज पर ही बकरिया कुंड की सफाई कराई जाएगी। नैनो बबल, ओजोन और अल्ट्रासाउंड तकनीक पर कुंड की सफाई के बाद रखरखाव के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाएगी।
रखरखाव को भरपूर बजट लेकिन खर्च नहीं हो पा रहे
नगर निगम सदन ने कुंडों, तालाबों के रखरखाव पर ढाई करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। वर्ष 2023-24 में महज 47.55 लाख रुपये खर्च हुए थे। अप्रैल 2024 से जुलाई 2024 तक नगर निगम ने केवल 8.44 लाख रुपये खर्च किए थे। मार्च 2025 तक लगभग 15 लाख रुपये खर्च किये गये। इस तरह दो साल पहले हुए खर्च से भी कम राशि नगर निगम ने कुंडों, तालाबों पर खर्च किया।
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