‘सदियों पुरानी परंपराओं को भारतीय समाज ने बचाया
Varanasi News - बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में संगम टॉक्स नई दिल्ली के सहयोग से एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। राहुल दीवान ने भारतीय सभ्यता, परंपराओं और वैज्ञानिक तकनीकों का महत्व बताया। डॉ. डंकिन जाल्की ने भारत...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के भारत अध्ययन केंद्र में संगम टॉक्स नई दिल्ली के सहयोग से शुक्रवार को एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगम टॉक्स और सरयू ट्रस्ट के संस्थापक राहुल दीवान ने कहा कि भारत के समाज ने हजारों साल पुरानी परंपराओं को बचाकर रखा है। इनके संरक्षण के और प्रयास होने चाहिए। ‘भारतीय सभ्यता की कहानी में राहुल दीवान ने भारतीय सभ्यता के विकास, उसके मूल सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और उसके आधुनिक संदर्भों को समझाया। पुरानी परंपराओं की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि चोल शासनकाल में 42 प्रकार की वैज्ञानिक तकनीकों का अध्ययन कर जहाज निर्माण में भारतीय सर्वोपरि थे। इसका परिणाम था कि भारतवर्ष वैश्विक स्तर पर समुद्री मार्ग से व्यापार करने में अग्रणी था। द्वितीय सत्र ‘भारत की छवि की यूरोपीय नींव में डॉ. डंकिन जाल्की ने बताया कि आज भारत को एक भ्रष्टाचार तथा जातीय विभेदों से सर्वाधिक प्रभावित देश माना जाता है जबकि अध्ययन करने पर अन्य देशों में इस विषय में अधिक विषमतायें पाई जाती हैं। केवल झूठे आंकडों के आधार पर इस प्रकार की छवि को गढ़ कर भारत को नीचा दिखाया जा रहा है। वास्तविकता इससे भिन्न है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिव गोरखनाथ मंदिर के महंत हनुमन्नाथ योगी थे। आयोजन में भारत अध्ययन केंद्र समन्वयक प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी और डॉ. अमित कुमार पांडेय की प्रमुख भूमिका रही।
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