ऊर्जा मंत्री के बयान पर बिजली कर्मचारी खफा
Varanasi News - वाराणसी में बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने आठवें दिन भी प्रदर्शन किया। ऊर्जा मंत्री के बयान पर नाराजगी जताते हुए, उन्होंने 29 मई से पूर्ण कार्यबहिष्कार का निर्णय लिया। यदि टेंडर...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बिजली विभाग के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने आठवें दिन बुधवार को भी प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर पर सभी जुटे। उन्होंने ऊर्जा मंत्री के बयान ‘बिजली का निजीकरण होकर रहेगा पर नाराजगी जताई। वहीं, गुरुवार को सुबह 11 बजे होने वाले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर हुई सभा में अंकुर पाण्डेय ने बताया कि 29 मई से पूरे प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में पूर्ण कार्यबहिष्कार का निर्णय लिया गया था लेकिन टेंडर की फाइल वापस होने की दशा में इसे टाल दिया गया।
टेंडर की कार्रवाई टालने पर मुख्यमंत्री और नियामक आयोग के अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा प्रबंधन टेंडर की फाइल विद्युत नियामक आयोग से पास कराने का जुगाड़ लगा रहा है। नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि जिस दिन टेंडर निकालने का कार्य ऊर्जा प्रबंधन करता है तो बिना किसी दूसरी नोटिस के तत्काल प्रदेश के समस्त बिजलीकर्मी पूर्ण कार्यबहिष्कार पर चले जायेंगे। विजय नारायण ने कहा कि निजीकरण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है। पंकज जासवाल वर्तमान व्यवस्था में अपनी निगरानी में सुधार के लिए बिजलीकर्मियो का योगदान लेने की बात कही। अध्यक्षता एसके सिंह एवं संचालन गजेंद्र श्रीवास्तव ने किया। सभा में नरेंद्र वर्मा, प्रमोद कुमार, कृष्णा सिंह, प्रशांत सिंह, अभिजीत साह, चंदन कुमार, बृजेश यादव, जितेंद्र सिंह, दिनेश यादव, रंजीत पटेल, मनोज सोनकर, अशोक सिंह आदि थे।
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