लड्डू बना द्रोणगिरि, मेवा बने संजीवनी
Varanasi News - वाराणसी में संकट मोचन के दरबार में भक्तों ने ढाई हजार एक किलो के विशाल लड्डू को देखा। यह लड्डू द्रोणगिरि के रूप में था, जिसमें हनुमान के हाथ में संजीवनी बूटी भी दिख रही थी। यह कार्यक्रम श्रीहनुमान...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। संकट मोचन के दरबार में भक्तों का कौतूहल देखते ही बनता था। गुरुवार को ढाई हजार एक किलो के विशाल लड्डू को द्रोणगिरि के रूप में देखकर भक्तों की जिज्ञासा ज्यादा बढ़ गई। लड्डू के ऊपर उड़ते हुए भक्त हनुमान के हाथ में संजीवनी बूटी भी दिख रही थी जिसे सूखे मेवों से आकार दिया गया था।
अवसर था श्रीहनुमान ध्वजा प्रभातफेरी समिति के रजत जयंती महोत्सव पर निकाली गई ध्वजा यात्रा का। 13वें दिन गुरुवार को प्रातः धर्मसंघ स्थित क्षेत्रपालेश्वर महादेव मंदिर में पूजन अर्चन किया गया। जय सियाराम के घोष के बीच संकट मोचन की ज्योत प्रचलित की गई। मुख्य अतिथि त्रिदेव मंदिर के मंत्री राधे गोविंद केजरीवाल के साथ सिंधी समाज के प्रमुख जयप्रकाश बलानी, निधिदेव अग्रवाल, शास्त्री उपाध्यक्ष, गोकुल शर्मा, महेश चौधरी एवं सुरेश तुलस्यान ने संयुक्त रूप से आरती उतारी। भक्तों को ध्वजा देकर यात्रा आरंभ कराई। रास्ते भर भजन गाते हुए भक्तों का समूह निर्धारित मार्ग से संकट मोचन की ओर बढ़ा। आमंत्रित कलाकार दिनेश मिश्रा, पवन शर्मा, करिश्मा चावला और विवेक शर्मा ने एक से एक भजनों की प्रस्तुति दी। शोभायात्रियों पर पूरे रास्ते पुष्पवर्षा की गई। त्रिदेव मंदिर के सामने प्रभु की आरती हुई। मंदिर पहुंचकर ध्वजा अर्पण के बाद भक्तों ने हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया। सायंकाल मंदिर परिसर में संगीत महोत्सव का भी आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय कलाकारों ने गायन, वादन एवं नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं।
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