स्वर और लय जीवन के अभिन्न अंग : संजू सहाय
Varanasi News - वाराणसी में पं. संजू सहाय ने बच्चों को तबला की मास्टर क्लास में संबोधित किया। उन्होंने शास्त्रीय संगीत की महत्ता पर चर्चा की और विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर तबला वादन के माध्यम से दिए। इस अवसर...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। स्वर और लय जीवन के अभिन्न अंग हैं। विज्ञान से पुराण तक संगीत में अनुबंधित है। ये बातें बनारस घराने के प्रख्यात तबला साधक पं. संजू सहाय ने कहीं। वह बुधवार को सनबीम लहरतारा में तबला की मास्टर क्लास में बच्चों को संबोधित कर रहे थे।
सनबीम शिक्षण समूह एवं कला प्रकाश की ओर से धरोहर शृंखला के तहत हुए आयोजन में बच्चों ने भारत के शास्त्रीय संगीत की महत्ता को करीब से जाना। 60 से अधिक विद्यार्थियों ने तबला के इतिहास, अस्तित्व, भाषा और निकास आदि से पर केंद्रित प्रश्न उनसे पूछे। पं. संजू सहाय ने प्रश्नों के उत्तर तबला वादन के माध्यम से ही दिये। इससे पूर्व पं. संजू सहाय, कला प्रकाश के अध्यक्ष अशोक कपूर, आशीष जायसवाल, सनबीम लहरतारा की प्रधानाचार्य परवीन कैसर ने दीप जलाकर कार्यशाला का उद्घाटन किया। विद्यार्थियों ने संजू सहाय का स्वागत बनारस घराने का लोकप्रिय ‘गणेश परन बजाकर किया। इस अवसर पर शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक ने शास्त्रीय संगीत को सर्वांगीण विकास का सबसे जरूरी साधन बताया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।