संकटमोचन संगीत समारोह का आयोजन 16 से 21 तक
Varanasi News - संकट मोचन संगीत समारोह में इस वर्ष 45 शास्त्रीय संगीत प्रस्तुतियां होंगी। 102वें आयोजन में 12 पद्म अवार्डी और 16 नए कलाकार शामिल हैं। कार्यक्रम 16 से 21 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें ध्वनि संयोजन का जिम्मा...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। संकट मोचन संगीत समारोह में इस वर्ष शास्त्रीय संगीत की कुल 45 प्रस्तुतियां होंगी। 102वें वर्ष के आयोजन में 12 पद्म अवार्डी और सोलह नवप्रवेशी कलाकार आमंत्रित किए गए हैं। गत वर्ष ध्वनि संयोजन में कलाकारों की आपत्तियों के बाद उसमें बड़ा सुधार किया गया है। 16 से 21 अप्रैल तक होने वाले संगीत समारोह में ध्वनि संयोजन का जिम्मा कोलकाता की कंपनी को दिया गया है।
यह जानकारी संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने दी। तुलसी घाट पर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि 10 दिवसीय हनुमत जयंती उत्सव की शुरुआत 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन से हो जाएगी। 15 अप्रैल विविध धार्मिक अनुष्ठान होंगे। संगीत समारोह में शामिल होने वाले पद्म अवार्डी कलाकारों में बांसुरीवादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया, ख्याल गायक पं. साजन मिश्र, पखावज के जादूगर डॉ.यल्ला वेंकटेश्वर राव, पं. विश्वमोहन भट्ट, ओडिसी नर्तक पं. रतिकांत महापात्रा, ख्याल गायक पं.उल्लास कसालकर, ध्रुपद गायक उस्ताद वसीफुद्दीन डागर, ड्रमर शिवमणि, भजन गायक अनूप जलोटा शामिल हैं। वहीं संकट मोचन के दरबार में पहली बार हाजिरी लगाने वाले कलाकारों में भरतनाट्यम नृत्यांगना जननी मुरली एवं लावण्या शंकर, कथक नर्तक रोहित पवार, गायिका सोहिनी रायचौधरी, तबला वादक विवेक पाण्या, गायक पं. राजेंद्र सीजवार, गायिका स्नेहा शंकर, कथक नृत्यांगना नयनिका घोष, सरोदवादक अभिषेक लाहिड़ी, सितारवादक प्रो. राजेश शाह, सितारवादक पं. साहित्य कुमार नाहर, सितारवादक शाहना बनर्जी हैं।
गिरा है काशी के कलाकारों का स्तर
एक प्रश्न के उत्तर में प्रो. मिश्र ने कहा कि एक समय था जब संकट मोचन संगीत समारोह में काशी के कलाकारों की ही अधिकता होती थी। कारण यह था कि तब टॉप टेन में से पहले पांच कलाकार काशी के ही होते थे। बाहर वालों के लिए जगह ही नहीं बचती थी। अब काशी में किसी भी विधा के शीर्ष कलाकार नहीं हैं। इस मामले में काशी का स्तर गिरा है। काशी के कलाकारों को जोड़कर पुन: स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
हनुमान जयंती से शुरू होगा उत्सव
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर 12 अप्रैल को संकट मोचन महाराज का विशेष बैठकी शृंगार, आरती, पूजन होगा। प्रात:कालीन सत्र में शहनाई वादन, ब्राह्मणों द्वारा रुद्राभिषेक, श्रीराम चरित मानस का एकाह पाठ, श्रीसीताराम संकीर्तन, रामार्चा पूजन, श्री वाल्मिकी रामायण के सुंदरकांड का पाठ होगा। सायं काल रामकृष्ण मिशन की मंडलियों का संकीर्तन एवं रात्रिपर्यन्त नगर की विभिन्न रामायण मंडलियों द्वारा श्रीराम चरित मानस का अखंड पाठ होगा। 13 से 15 अप्रैल तक सार्वभौम रामायण सम्मेलन होगा। प्रत्येक संध्या पांच से रात्रि 10 बजे तक प्रवचन होंगे। इसमें बरेली के पं. उमाशंकर शर्मा, किशनगंज के पं. किशन उपाध्याय, भभुआ के डॉ. चंद्रकांत चतुर्वेदी एवं मिर्जापुर के प्रो. नलिनश्याम कामिल भाग लेंगे।
तैयारी है झूमर लगाने की
संगीत समारोह के दौरान संकट मोचन मंदिर प्रांगण में खास तौर पर साज सज्जा करने की तैयारी भी चल रही है। इस वर्ष मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर मंच के निकट तक झूमर भी लगाने की योजना है। यह पहला अवसर होगा जब संगीत समारोह के दौरान साज सज्जा को भी विस्तार दिया जाएगा। अब तक मंच के पृष्ठभाग में माला-फूल से ही सजावट की जाती रही है।
कार्यक्रम विवरण
16 अप्रैल : पहली निशा
पं. हरिप्रसाद चौरसिया-बांसुरी, जननी मुरली-भरत नाट्यम, पं. राहुल शर्मा-संतूर, डॉ.येल्ला वेंकटेश्वर राव- मृदंगम, पं. प्रवीण गोडखिंडी-बांसुरी, पं.अजय पोहनकर-गायन, पं. विकास महाराज और विभाष महाराज-सरोद एवं सितार पर जुगलबंदी,रोहित पवार-कथक।
17 अप्रैल : दूसरी निशा
लावण्या शंकर-भरतनाट्यम, डॉ. राजेश शाह-सितार, पं. अजय चक्रवर्ती-गायन, विवेक पांड्या-तबला, पं. पूर्वायन चटर्जी- सितार, सोहिनी रायचौधरी-गायन, मंजूनाथ माधवप्पा एवं नागराज माधवप्पा-वायलिन,पं. नीरज पारिख-गायन।
18 अपैल : तीसरी निशा
यू राजेश-मैंडोलिन, शिवमणि-ड्रम, सौरव-गौरव मिश्रा-कथक, ओंकार हवलदार-गायन, पं.विश्वमोहन भट्ट एवं सलिल भट्ट-मोहन वीणा-सात्विक वीणा, दीपिका वरदराजन-गायन, पं.राजेंद्र सीजवार-गायन, पं.अभय रुस्तम सोपोरी-संतूर, पं. हरीश तिवारी-गायन।
19 अप्रैल : चौथी निशा
वी.अनुराधा सिंह-कथक, पं. साहित्य कुमार नाहर एवं पं. संतोष नाहर-सितार एवं वायलिन जुगलबंदी, उस्ताद वसीफद्दीन डागर- ध्रुपद गायन, पं. जयदीप घोष-सरोद, पं.रामशंकर और स्नेहा शंकर-गायन, प्रभाकर-दिवाकर कश्यप-गायन, विदुषी कंकना बनर्जी-गायन।
20 अप्रैल : पांचवीं निशा
नयनिका घोष-कथक, अभिषेक लाहिड़ी-सरोद, अरमान खां-गायन, पं. तरुण भट्टाचार्य-संतूर, पं. जयतीर्थ मेवुंडी-गायन, शाहना बनर्जी-सितार, पं. संजू सहाय-तबला।
21 अप्रैल : छठी निशा
पं. रतिकांत महापात्र-ओडिसी,पं. उल्हास कसालकर-गायन, उस्ताद मेहताब अली नियाजी-सितार, अनूप जलोटा-गायन, पं. सुरेश गंधर्व-गायन, पं.रोनू मजुमदार एवं ऋषिकेश मजुमदार-बांसुरी, पं. साजन मिश्र एवं स्वरांश मिश्र-गायन।
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