काशी अपने आप में एक संग्रहालय: प्रो. मिश्र
Varanasi News - काशी अपने आप में एक संग्रहालय है। यह विश्व की पुरातन संस्कृति, साहित्य, कला, धर्म, और खान-पान का अद्वितीय उदाहरण है। लखनऊ स्थित अब्दुल कलाम तकनीकी विवि के पूर्व कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने इस...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। काशी अपने आप में एक संग्रहालय है। यह विश्व की पुरातन संस्कृति तो है ही साहित्य, कला, धर्म, पर्यटन, खान-पान, संत परम्परा और भौगोलिक परिदृश्य भी सबसे अलग है। ये विचार लखनऊ स्थित अब्दुल कलाम तकनीकी विवि के पूर्व कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने व्यक्त किए। वह रविवार को संपूर्णानंद संस्कृत विवि के योग साधना केंद्र में संग्रहालय विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे। संस्कृति विभाग, लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय, रामनगर एवं विश्वविद्यालय के पुरातत्व संग्रहालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि काशी की शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, पर्यावरण और संगीत आदि के अलग-अलग संग्रहालयों का निर्माण होना चाहिए।
अध्यक्षीय संबोधन में संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा ने कहा कि काशी की गलियां, मंदिर, शिलालेख, स्थापत्य, लोककला, संगीत, नृत्य, परंपराएं और यहां तक कि जीवन शैली सब कुछ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्य से भरे हैं। उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने वालों को प्रमाणपत्र दिए। स्वागत प्रो. शैलेश कुमार मिश्र, संचालन डॉ. सुजीत कुमार चौबे एवं धन्यवाद ज्ञापन संग्राहलय अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रो. राजनाथ, प्रो. महेंद्र कुमार पाण्डेय, प्रो.एचके चक्रवर्ती, डॉ. आनंद कुमार द्विवेदी, शशींद्र मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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