बांग्लादेशियों को बंगाल से बिहार और फिर लाए देहरादून, दिल्ली के आलम खान गैंग पर पुलिस का फोकस; कराते थे यह काम
बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच में सामने आया कि उन्हें बसाने वाला गैंग पहले बंगाल से बिहार और फिर दिल्ली लाता है। इसके बाद इन लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर मजदूरी आदि के काम में लगाया जाता है।

बांग्लादेशियों को देहरादून लाने वाले दिल्ली के गैंग पर शिकंजा कसने पर पुलिस ने फोकस किया है। मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों से गैंग के बाबत पुलिस को जानकारी मिली। इसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि बांग्लादेशियों को बंगाल से बिहार और फिर देहरादून लाया गया है।
इसमें दिल्ली के आलम खान गैंग पर पुलिस पर विशेषतौर से फोकस है। उधर, गिरफ्तार आरोपियों को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। वहां से इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पूरी होने पर देश से डिपोर्ट किया जाएगा।
देहरादून में बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच में सामने आया कि उन्हें बसाने वाला गैंग पहले बंगाल से बिहार और फिर दिल्ली लाता है। इसके बाद इन लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर मजदूरी आदि के काम में लगाया जाता है। जो बांग्लादेशी देहरादून में पकड़े गए इसमें दिल्ली के आलम खान नाम के ठेकेदार का हाथ है।
पुलिस उसकी तलाश कर रही है। मौजूदा समय में शहर और देहात क्षेत्र में सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच एसएसपी अजय सिंह को गोपनीय सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग क्लेमनटाउन इलाके में रह रहे हैं। इस पर पुलिस और एलआईयू की टीम ने सत्यापन किया तो इनमें पांच बांग्लादेशी नागरिक पाए गए।
ये सभी एक भारतीय महिला पूजा रानी के साथ रह रहे थे। इनमें से मुनीर चंद्र राय देहरादून में तीन बार आ चुका है। वह हर्रावाला के कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्य में भी मजदूरी कर चुका है।
पुलिस अब दो आरोपियों आलम खान और उसके साथी की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक आलम खान दिल्ली का रहने वाला है। वह विभिन्न कंस्ट्रक्शन साइट के लिए मजदूरों की व्यवस्था करता है। उसी के संपर्क में बंगाल और बिहार के भी कुछ लोग हैं। ये सभी लोग बांग्लादेश से गैर कानूनी तरीके से आए लोगों को भी देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाते हैं।
ज्यादातर सभी के आधार कार्ड बिहार के विभिन्न पतों के होते हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली के इस गैंग के गुर्गे बिहार के बंगाल बॉर्डर के जिलों में भी रह रहे हैं। ये लोग ही फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार कराते हैं। दिल्ली में भी इसी गैंग के बांग्लादेशियों को बसाने में नाम जुड़ चुका है। इसकी खूफिया जांच चल रही है।
पुलिस ने दिल्ली और आसपास दबिश दी
बांग्लादेशी मजदूरों को लाने वाला ठेकेदार दिल्ली का रहने वाला है। उसकी तलाश में दिल्ली और आसपास के इलाकों पुलिस ने दबिश दी। एसओजी भी स्थानीय इंटेलीजेंस यूनिट के साथ मिलकर आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
2700 से अधिक लोगों का सत्यापन किया
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जिले में रविवार को बड़े स्तर पर बाहरी लोगों के सत्यापन का अभियान चलाया गया। इस दौरान 2700 से अधिक लोगों-घरेलू नौकरों का सत्यापन किया गया। सत्यापन नहीं कराने पर 238 मकान मालिकों का 83 पुलिस एक्ट में दस-दस हजार रुपये का चालान किया गया। 214 संदिग्ध व्यक्तियों को थाने पर लाकर सत्यापन किया गया। 177 व्यक्तियों का चालान करते हुए 44,250 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।