मूर्धन्य विद्वान गणपति शास्त्री ऐताल का निधन
Varanasi News - काशी के मूर्धन्य वैदिक विद्वान पं. गणपति शास्त्री ऐताल का निधन 88 वर्ष की आयु में हुआ। उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया। वे वेद, शास्त्र, भागवत एवं पुराण के विद्वान थे और संस्कृत शिक्षा...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। काशी के मूर्धन्य वैदिक विद्वान संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के न्याय शास्त्र विभाग में प्राध्यापक रहे पं. गणपति शास्त्री ऐताल का निधन हो गया। उन्होंने बुधवार देर रात सुंदरपुर स्थित आवास पर 88 वर्ष की अवस्था में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को हरिश्चंद्र घाट पर किया गया। मुखग्नि उनके छोटे दामाद प्रो.प्रदीप नारायण डोगरे ने दी। पद्मश्री से अलंकृत पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने कहा कि वेदशास्त्र सम्पन्न पं. गणपति शास्त्री ऐताल सच्चे गुरुभक्त एवं वेद-शास्त्र के पक्षधर आदर्श विद्वान थे। उनके इहलोक परित्याग से सांग्वेद विद्यालय की अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी वैदिक शिक्षा पद्मविभूषण राजेश्वर शास्त्री द्रविड़ के सानिध्य में हुई थी।
वह सांग्वेद विद्यालय के न्यायाध्यापक एवं गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा के कार्याध्यक्ष भी रहे। काशी पंडित सभा के मंत्री डॉ. विनोद राव पाठक, श्रीकाशी विद्वत परिषद के मंत्री डॉ. गणेशदत्त शास्त्री ने भी शोक जताया। विद्वतद्वय ने कहा कि वेद, शास्त्र, भागवत एवं पुराण के विद्वान पं. गणपति शास्त्री ऐताल धर्मनिष्ठ, कर्मनिष्ठ एवं सदाचार सम्पन्न तपोमूर्ति विद्वान थे। मूलत: वह कर्नाटक के रहने वाले थे। बाल्यावस्था से ही संस्कृत शिक्षा के लिए काशी में रहे। उनके निधन से संस्कृत जगत की अपूरणीय क्षति हुई है।
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