भव बंधनों से मुक्त करते हैं सद्गुरु
Varanasi News - वाराणसी में कबीर प्रकट्य महोत्सव के दूसरे दिन, पंथश्री हजूर अर्द्धनाम साहेब ने कहा कि सद्गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है। उन्होंने भक्तों को बताया कि सद्गुरु हमें भव बंधनों से मुक्त कराते हैं और कबीर...

वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता पंथश्री हजूर अर्द्धनाम साहेब ने कहा कि बिना सद्गुरु के ज्ञान संभव नहीं है। वह सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम लहरतारा में उनके 627वें प्राकट्य महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन सोमवार को को भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सद्गुरु के दरबार में आने से सब बंधन कट जाते हैं। व्यक्ति विवेकपूर्ण, विवेकशील बन जाता है। सद्गुरु हमें भव बंधनों से मुक्त कराते हैं। सभी धार्मिक और दार्शनिक शिक्षाओं के दृष्टिकोणों के बावजूद यह स्पष्ट है कि सर्वव्यापी, सर्वज्ञ, सर्वव्यापी तत्व अंततः ईश्वर है। हमारे रीति-रिवाजों, परंपराओं, भाषाओं के कारण हम उन्हें केवल विभिन्न नामों से संबोधित करते हैं।
उन्होंने कहा कि कबीर साहेब का मार्ग सरल है, व्यावहारिक है। उन्होंने अपनी रचनाओं, दोहों में जीवन की गूढ़ बातों को भी सरल तरीके से समझाया है। दूसरे दिन के कार्यक्रम शुरूआत संत अनुपम दास साहेब के भजनों से हुई। महंत अगम मुनि साहेब, महन्त घनश्याम दास साहेब ने संत कबीर के विचारों का मर्म बताया। धर्माधिकारी सुधाकर दास शास्त्री साहेब ने कहा कि हमें सद्गुरु को साक्षी मानकर अपनी बुराइयों, अवगुणों को दूर करना चाहिए। करुणा को अपने स्वभाव में उतारने की जरूरत है। श्रद्धालुओं को भोजन की सेवा सुरेश कुमार, सपना देवी की ओर से दी गई। इस दौरान सद्गुरु कबीर सेवा समिति के सदस्य कालूराम, हनुमत, सुधीर, सुरेंद्र, पप्पू, लीलाधर, अर्जुन मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।