फर्राटेदार अंग्रेजी और दुबई कनेक्शन, हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार को ठग फंस गए साइबर क्राइम के 3 उस्ताद
गौरव और ताबिश की उम्र 21 साल है, जबकि असद 27 साल का है। तीनों साइबर ठगी के उत्साद बन गए थे। उनके पास से पुलिस ने 3 मोबाइल, और 3,335 रुपये बरामद किए गए। तीनों युवकों का कनेक्शन दुबई के साइबर ठगों से भी है। ये दुबई के साइबर ठगों को भी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे।

वाराणसी के शिवाजीनगर (महमूरगंज) के कृष्णा अपार्टमेंट में रहने वाले पटना हाईकोर्ट के रिटायर असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुभाष चंद्रा को डिजिटल अरेस्ट कर 49.40 लाख ठगने वाले तीन शातिरों को साइबर पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव तथा एसीपी विजय प्रताप सिंह ने मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में मीडिया को इसकी जानकारी दी। गिरफ्तार आरोपियों में लखनऊ के सदर बाजार (कैंट) के आजाद मोहाल निवासी गौरव जायसवाल, सीतापुर के हटौरा खैराबाद निवासी ताबिश उर्रहमान, कजियारा खैराबाद निवासी असद वकील खान हैं। गौरव और ताबिश की उम्र 21 साल है, जबकि असद 27 साल का है। तीनों साइबर ठगी के उत्साद बन गए थे। उनके पास से पुलिस ने तीन मोबाइल, और 3,335 रुपये बरामद किए गए। तीनों युवकों का कनेक्शन दुबई के साइबर ठगों से भी है। ये दुबई के साइबर ठगों को भी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। इसके बाद वहां से अपना कमीशन भी मंगा लेते थे। इसमें तबिश और असद अंग्रेजी में फर्राटेदार (धारा प्रवाह) बात करते हैं। विदेशियों से अंग्रेजी में बातचीत करने का तौर तरीके में तीनों दक्ष हैं।
गिरफ्तारी करने वाली टीम में साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक अजय राज वर्मा, निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, राजकिशोर पांडेय, विजय कुमार यादव, निरीक्षक दीनानाथ यादव, इंस्पेक्टर विपिन कुमार, एसआई राकेश सिंह, संजीव कन्नौजिया, सतीश सिंह, शैलेन्द्र कुमार, विवेक सिंह, आलोक रंजन सिंह, एसएसआई श्याम लाल गुप्ता, हेड कांस्टेबल रजनीकांत, गौतम कुमार, कांस्टेबल चन्द्रशेखर यादव, पृथ्वी राज सिंह, अनिल मौर्या, अंकित कुमार प्रजापति, जतिन कुमार आदि थे।
महंगे होटलों के वाईफाई का उपयोग
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि इन जालसाजों ने कही कोई ठिकाना नहीं बनाया था। शिकार तलाशने के बाद किसी महंगे होटल में आठ से दस हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कमरा लेते। जबतक ठगी को अंजाम देकर पूरे पैसे निकाल न ले तबतक होटल में ही टिकते थे। इस दौरान होटल के वाईफाई का उपयोग करते थे।
मनी लॉन्ड्रिंग में नाम आने की बात कह डराया था
सुभाषचंद्रा ने पुलिस को बताया था कि 6 मई की सुबह 9.11 बजे फोन आया। बताया गया कि उनके नाम पर मुंबई के पीएम रोड नामक पते से 3 जनवरी को सिम लेकर उसका दुरुपयोग किया गया है। राकेश कुमार नामक व्यक्ति ने खुद को साइबर क्राइम अनुसंधान का अफसर बताते हुए वीडियो कॉल किया था। साथ में खुद को सीबीआई अफसर बताने वाला राजीव रंजन कुमार भी था। दोनों ने सुबह 9.15 से दोपहर 2.00 तक वीडियो कॉल कर गिरफ्तारी के नाम पर डराया। नरेश गोयल पर जेट एयरवेज मामले में मनी लॉन्ड्रिंग में कमीशन लेने के आरोप लगाने लगे। फिर 7 मई तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा। जांच के नाम पर पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
मिजोरम से खातों में मंगवाए थे पैसा
कई लोगों को जालसाज ने रुपये का लालच देकर उनके नाम, पता, सिम का इस्तेमाल कर करंट अकाउंट खोलवाते थे। इन्हीं खातों में रुपये मंगवाते और विभिन्न जगहों से एटीएम से निकाल लेते थे। सुभाष चंद्रा से रुपये मिजोरम के आईजोल स्थित बैंक में मंगाए गए। पुलिस ने इस मामले के खुलासे के लिए कड़ी मेहनत की। करीब 350 बैंक खातों को पुलिस ने खंगाला, तब तीनों का सुराग मिला।