Yogi cabinet approves new transfer policy Three years in a district seven years in division what changes एक जिले में तीन और मंडल में सात साल, नई तबादला नीति को योगी कैबिनेट की मंजूरी, क्या-क्या बदलाव, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUP NewsYogi cabinet approves new transfer policy Three years in a district seven years in division what changes

एक जिले में तीन और मंडल में सात साल, नई तबादला नीति को योगी कैबिनेट की मंजूरी, क्या-क्या बदलाव

यूपी के कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति को मंगलवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके तहत अब कोई भी कर्मचारी एक जिले में तीन साल और मंडल में सात साल ही रह सकेगा।

Yogesh Yadav लखनऊ, विशेष संवाददाताTue, 6 May 2025 07:43 PM
share Share
Follow Us on
एक जिले में तीन और मंडल में सात साल, नई तबादला नीति को योगी कैबिनेट की मंजूरी, क्या-क्या बदलाव

यूपी की योगी सरकार ने वर्ष 2025-26 की तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। इस साल 15 मई से 15 जून तक विभागाध्यक्ष मंत्रियों से अनुमति लेकर तबादले कर सकेंगे। इसके दायरे में आने वाले सभी तरह के कर्मियों और अधिकारियों को अनिवार्य रूप से स्थानांतरित किया जाएगा। प्रदेश में करीब 8.30 लाख राज्य कर्मचारी हैं। बीते वर्ष आई तबादला नीति में सिर्फ 15 दिन का समय दिया गया था जबकि इस बार एक महीने का समय दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि एक जिले में तीन साल और मंडल में सात साल की सेवा पूरी करने वाले अधिकारी व कर्मचारी स्थानांतरित होंगे। समूह ‘क’ व ‘ख’ के अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ‘ग’ व ‘घ’ के 10 प्रतिशत स्थानांतरित होंगे। विभागाध्यक्ष व मंडलीय कार्यालयों में तैनात रहने वालों के लिए इस अवधि की बाध्यता नहीं होगी। इनके लिए कई सालों से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को स्थानांतरित किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:यूपी में निजी बस अड्डे बनाने की नीति को योगी कैबिनेट की मंजूरी, क्या-क्या फायदे?

स्थानांतरण के लिए अवधि निर्धारण कटआफ डेट 31 मार्च 2025 को माना जाएगा। दायरे में न आने वाले समूह ‘ग’ के कर्मचारियों का पटल जरूर बदला जाएगा। समूह ‘क’ व ‘ख’ की तय सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी। समूह ‘ग’ व ‘घ’ 10 प्रतिशत से अधिक होने पर विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेना होगा। समूह ‘ख’ व समूह ‘ग’ के अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला यथासंभव मेरिट के आधार पर आनलाइन किया जाएगा। समूह ‘ग’ और ‘घ’ का स्थानांतरण मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। तबादले के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था आनलाइन ही की जाएगी।

समूह ‘क’ के अधिकारियों का उनके गृह जिले में तबादला नहीं होगा। पूर्णतया दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प के आधार पर देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था वाले स्थान पर किया जाएगा। प्रदेश के आकांक्षी जिले चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच और 100 आकांक्षी विकासखंडों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में सभी पदों पर शत-प्रतिशत तैनाती की जाएगी। दो वर्ष से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानांतरित किया जाएगा।

ये भी पढ़ें:UP में निजी भागीदारी के सहयोग से बनेंगे पार्किंग स्थल, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी

स्थानांतरण सत्र 15 जून को समाप्त होने के बाद समूह ‘क’ व ‘ख’ के अधिकारियों का विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर तबादले किए जा सकेंगे। स्थानांतरित होने वालों को एक सप्ताह के अंदर प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए बिना नए स्थान के लिए कार्यमुक्त किया जाएगा। इसके बाद स्वत: कार्यमुक्त माने जाएंगे। स्थानांतरण नीति में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे।

खास बातें

-पति-पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर यथासंभव एक ही जिला में स्थानांतरण का मौका

-दिव्यांग कार्मिक या ऐसे कार्मिक या आश्रित के 40% से अधिक दिव्यांग होने पर उन्हें इससे मुक्त रखा जाएगा

-दिव्यांग कार्मिकों को गंभीर शिकायतों या फिर अपरिहार्य कारणों पर ही स्थानांतरित किया जाएगा

-दिव्यांग कार्मिक के अनुरोध पर पद की उपलब्धता के आधार पर उन्हें गृह जिले में तैनाती मिलेगी

-दो साल में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ‘ग’ व ‘घ’ को गृह जिले और ‘क’-‘ख’ को गृह जिला छोड़ इच्छानुसार तैनाती