हवाई हमले से बचने के लिए शिक्षण संस्थानों में हुई मॉकड्रिल
फरिदाबाद में हवाई हमलों से बचने के लिए जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों में मॉकड्रिल का आयोजन किया। नालंदा पब्लिक स्कूल में छात्रों को आत्मरक्षा के तरीकों की जानकारी दी गई। स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को...

फररीदाबाद। वरिष्ठ संवाददाता। हवाई हमलों से बचने के लिए जिला प्रशासन की मॉलड्रिल से पहले ही शिक्षण संस्थानों ने पहल करते हुए मॉकड्रिल शुरू कर दी है। मंगलवार दोपहर को सेक्टर-सात स्थित नालंदा पब्लिक स्कूल में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। युद्ध के दौरान सेना देश की सीमा पर दुश्मन सेना से निपटती है। देश के अंदर आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए नागरिकों को आत्मरक्षा के गुर दिए जाने की जरूरत होती है। उन्हें उनकी जिम्मेदारी समझाने की जरूरत होती है। दुश्मन की सेना के हमलों से बचने के लिए नागरिकों को कुछ तौर-तरीके अपनाने पड़ते हैं। स्कूल में पढ़ाई के दौरान भी हमला हो सकता है।
इसके मद्देनजर स्कूली विद्यार्थियों को भी आत्मरक्षा के बारे में बताया जाना जरूरी होता है। सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आत्मरक्षा को लेकर मॉकड्रिल करवाने का आदेश जारी किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए सेक्टर-सात डी नालंदा पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन का आदेश आने से पहले ही मंगलवार को अपने स्कूल में विद्यार्थियों के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया। इस दौरान स्कूल चेयरमैन प्रोफेसर वीके शर्मा ने कहा कि स्कूल के अंदर शिक्षा प्रदान करने से लेकर बच्चों की सुरक्षा भी स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। सन् 1971 के बाद से देश में सिविल डिफेंस की जरूरत नहीं पड़ी थी। लेकिन, अब सरकार ने अगाह किया है तो हम सब की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने बच्चों से मुखातिब होते हुए कहा कि सायरन बजने पर डेस्क के नीचे छुपना है। कमरे के बीम और सीढ़ियों के पास खड़े हो सकते हैं। खुले मैदान में हैं तो खड़े होने के बजाय जमीन पर रेंगकर चलना है। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान को बताया कि जल्द ही स्कूल के जेड आकार में खाई भी खुदवाई जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर खाई में भी छिपा जा सकेगा। इसमें स्कूली विद्यार्थियों के अलावा सेक्टर में रहने वाले लोग भी जरूरत पड़ने पर प्रयोग कर सकेंगे, क्योंकि शहर में खाली जगह की कमी होती है। इस वजह से स्कूल प्रबंधन ने खाई खुदवाने का निर्णय लिया है। उधर, स्कूल के निदेशक पीके शारदा ने भी बच्चों को स्कूल से बाहर घर पर होने के बारे में सतर्कता बरतने के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर स्कूल के मुख्य अध्यापक आरआर मिश्रा सहित स्कूल की कई शिक्षिकाएं मौजूद थीं। विद्यार्थियों को इस बारे में भी किया गया जागरूक: 1. अलर्ट और सतर्कता -हवाई हमले के सायरन की आवाज पहचानें -मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट सुनें -अफवाहों पर विश्वास न करें केवल आधिकारिक सूचना पर ध्यान दें -- 2. सुरक्षित स्थान (शरणस्थल) - निकटतम बंकर या शरणस्थल की जानकारी रखें -अपने घर में मजबूत, बिना खिड़की वाला कमरा तैयार रखें - शरणस्थल तक जल्दी पहुंचने का रास्ता पहले से तय करें ------------- 3. जरूरी वस्तुएं तैयार रखें -कम से कम तीन दिन के लिए पेयजल का इंतजाम करके रखें -सूखा भोजन बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स आदि तैयार रखें - प्राथमिक चिकित्सा किट रखें - टॉर्च के साथ-साथ अतिरिक्त सेल का इंतजाम भी करें - पोर्टेबल रेडियो अपने साथ रखें - जरूरी दस्तावेज़ (मेडिकल रिपोर्ट, बैंक डिटेल्स) - मोबाइल चार्जर और पावर बैंक --------- 4. रात के क्या करें इंतजाम: - रात में सभी लाइटें बंद रखें (ब्लैकआउट) - खिड़कियों पर मोटे पर्दे, काले कागज लगाएं - शीशे से दूर रहें, ज़मीन पर लेट जाएं ---- 5. ये अभ्यास भी करना होगा : - परिवार के साथ हवाई हमले की ड्रिल करें - माता-पिता बच्चों को सुरक्षित स्थान के बारे में सिखाएं - पड़ोसियों के साथ आपसी सहयोग सुनिश्चित करें ----- 6. हमले के बाद क्या करें: - बाहर तभी निकलें जब सरकारी निर्देश मिले - घायल हों तो प्राथमिक उपचार करें - संदिग्ध वस्तु या बम दिखे तो छुए नहीं, तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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