14 साल, 219 गवाह और 3,336 दस्तावेज; कर्नाटक के पूर्व मंत्री को 7 साल की सजा, क्या था मामला?
कर्नाटक के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी को अवैध खनन के मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है। फैसला आने के बाद पूर्व विधायक जनार्दन रेड्डी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया है। कोर्ट ने उन पर जुर्माना भी ठोका है।

Karnataka Minister Janardhan Reddy Jailed: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी को सात साल जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अवैध लौह अयस्क खनन के मामले में करीब 14 साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद राज्य के पूर्व विधायक जी. जनार्दन रेड्डी और अन्य तीन लोगों को दोषी ठहराया है। अदालत ने सभी आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई है और सभी पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत के फैसले के तुरंत बाद सीबीआई ने रेड्डी और अन्य आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इसके बाद उन्हें यहां चंचलगुड़ा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित किये जाने की संभावना है। बता दें कि सीबीआई कोर्ट ने रेड्डी और अन्य के खिलाफ जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर यह फैसला सुनाया है। इसमें जर्नादन रेड्डी पर खनन पट्टे की सीमा के साथ छेड़छाड़ करने और कर्नाटक-आंध्र प्रदेश सीमा पर बेल्लारी रिजर्व वन क्षेत्र में अवैध रूप से खनन करने का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट ने इस मामले में जनार्दन रेड्डी के अलावा उनके रिश्तेदार और ओएमसी के प्रबंध निदेशक श्रीनिवास रेड्डी (ए-1) और तत्कालीन खान एवं भूविज्ञान सहायक निदेशक वीडी राजगोपाल (ए-3) तथा रेड्डी के निजी सहायक महफूज अली खान (ए-7) को दोषी ठहराया है। हालांकि सीबीआई कोर्ट के जस्टिस टी. रघु राम ने पूर्व मंत्री सबिता इंद्र रेड्डी और पूर्व नौकरशाह बी. कृपानंदम को इस मामले में बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि 2007 से 2009 के बीच अवैध खनन से सरकारी खजाने को 884 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीबीआई ने पूर्व मंत्री रेड्डी, श्रीनिवास रेड्डी, राजगोपाल, दिवंगत आर. लिंगा रेड्डी और ओएमसी (ए-4) के खिलाफ इस मामले में पहला आरोप पत्र तीन दिसंबर 2011 को दायर किया था। अदालत ने इस मामले में 219 गवाहों की दलीलें सुनीं। इस दौरान अदालत के सामने 3,336 दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए। इससे पहले सीबीआई ने 5 सितंबर, 2011 को जनार्दन को गिरफ्तार किया था और लगभग साढ़े तीन साल जेल में बिताने के बाद 20 जनवरी, 2015 को उन्हें उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल गई थी।
बता दें कि कर्नाटक के गंगावती से विधायक रहे जनार्दन रेड्डी ने 2023 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ अपना दो दशक पुराना गठबंधन तोड़ कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) का गठन किया था। हालांकि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठन का भाजपा में विलय कर दिया था और दोबारा पार्टी में शामिल हो गए थे।