दीघा मंदिर पर ओडिशा सरकार का ऐतराज, 'जगन्नाथ धाम' नाम हटाने के लिए ममता को सीएम माझी की चिट्ठी
दीघा के नए मंदिर को ‘जगन्नाथ धाम’ कहे जाने पर ओडिशा सरकार ने आपत्ति जताई है। सीएम माझी ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर नाम बदलने की अपील की है।

ओडिशा और पश्चिम बंगाल के बीच धार्मिक पहचान को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक औपचारिक पत्र लिखकर दीघा स्थित नए जगन्नाथ मंदिर को 'जगन्नाथ धाम' कहे जाने पर गहरी चिंता जताई है। माझी ने अपील की है कि इस नाम को हटाया जाए, क्योंकि यह न सिर्फ श्रद्धालुओं को भ्रमित करता है बल्कि ओडिशा के लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है।
सीएम माझी ने चिट्ठी में लिखा कि 'जगन्नाथ धाम' शब्द सदियों से पुरी स्थित मूल और विश्वविख्यात श्रीजगन्नाथ मंदिर के लिए इस्तेमाल होता आया है। ऐसे में दीघा के मंदिर को भी यही नाम देने से श्रद्धालुओं में भ्रम पैदा हो सकता है और ओडिशा के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से गुजारिश की कि दीघा स्थित मंदिर को 'जगन्नाथ धाम' न कहा जाए और इस नाम का इस्तेमाल किसी भी आधिकारिक दस्तावेज, संचार माध्यम या प्रचार सामग्री में न किया जाए।
सीएम माझी ने कहा कि भगवान जगन्नाथ ओडिशा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का केंद्र हैं। पुरी के मंदिर को चार धामों में से एक माना जाता है और ये न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश की आस्था का प्रतीक है। ऐसे में किसी अन्य जगह को 'जगन्नाथ धाम' कहना अनुचित है। फिलहाल पश्चिम बंगाल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।