वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध के बाद पहली मॉक ड्रिल की तैयारी
Shamli News - पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव को देखते हुए, 1971 के बाद पहली बार युद्ध की तैयारी के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, छात्रों और नागरिकों को...

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से तनाव के चलते युद्ध के हालात को देखते हुए 1971 के बाद पहली बार मॉक ड्रिल के माध्यम से युद्ध से पहले के बचाव एवं हमले के बाद राहत कार्यों व आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का पूर्वाभ्यास किया जायेगा। डीपीजी के आदेश के बाद जनपद शामली में भी मॉक ड्रिल की तैयारियां की जा रही है। बुधवार को जिला पुलिस प्रशासन मॉक ड्रिल का आयोजन कर रहा है। इसमें राहत कार्यों पर उल्लेख इसमें आम नागरिकों, छात्रों और सिविल डिफेंस से जुड़े लोगों को युद्ध जैसी परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह पहली बार है जब 1971 के बाद केंद्र सरकार ने इस स्तर पर मॉक ड्रिल का आदेश जारी किया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद लिया गया, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत की संभावित जवाबी रणनीति पर चर्चा की गई थी। गृह मंत्रालय का यह निर्देश ऐसे वक्त आया है जब पाकिस्तान ने दो दिनों में दूसरी बार मिसाइल परीक्षण किया है। डीपीजी ने प्रदेश के सभी जनपदों में मॉक ड्रिल के आदेश दिए है। इसी के मद्देनजर एसपी रामसेवक गौतम भी जिले में मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए है। इसके तहत पुलिस प्रशासन के सुरक्षा कार्यों से लेकर राहत कार्य एवं बचाव और यातायात व्यवस्था, चिकित्सा, शिक्षा आदि बिंदुओं पर तैयारियों को परखा जायेगा। इसमें आपात स्थिति में भीड के इलाके एवं बिल्डिंगों को खाली कराना, अग्निकांड की घटनाओं से निपटना आदि आयोजित की जायेगी। क्या है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल शामली। सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक प्रकार का अभ्यास है, जिसमें आम नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों, जैसे हवाई हमला या मिसाइल स्ट्राइक की स्थिति में, सुरक्षित रहने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके तहत नकली आपदा स्थितियाँ तैयार की जाती हैं ताकि लोगों को वास्तविक संकट के समय सही प्रतिक्रिया देने की जानकारी हो। मॉक ड्रिल के प्रमुख हिस्से शामली। हवाई हमले के खतरे की चेतावनी देने के लिए सायरन बजाए जाएंगे। जनता को प्रशिक्षण दिया जायेगा। स्कूलों, दफ्तरों और समुदाय केंद्रों में वर्कशॉप्स के ज़रिए लोगों को शेल्टर में जाने, फर्स्ट एड देने और घबराहट से बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ब्लैकआउट अभ्यास कराया जायेगा। कुछ शहरों में अचानक बिजली बंद कर दी जाएगी ताकि दुश्मन हवाई निगरानी के ज़रिए ठिकानों की पहचान न कर सके। कैमोफ्लाज रिहर्सल जिसमें सेना के ठिकानों, मोबाइल टावर और पावर प्लांट्स को ढकने की प्रक्रिया का अभ्यास किया जाएगा। निकासी अभ्यास के माध्यम से संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना का परीक्षण किया जाएगा। मॉक ड्रिल में ये लेंगे भाग शामली। इस रिहर्सल में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ आपदा मित्र, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र संगठन और स्कूल-कॉलेज के छात्र हिस्सा लेंगे। यह अभ्यास सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 के तहत किया जाएगा। गृह मंत्रालय का यह कदम न केवल नागरिकों को तैयार करने का प्रयास है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय और मजबूत रखने की दिशा में बड़ा फैसला भी माना जा रहा है। युद्ध या हवाई हमले की स्थिति में कैसे करें बचाव शामली। अगर देश पर हवाई हमला होता है या कोई बड़ा शहर दुश्मन के निशाने पर आता है, तो बचाव के लिए कुछ जरूरी उपाय जानना बेहद ज़रूरी है। भारत के कई शहरों में ऐसा बुनियादी ढांचा मौजूद है जो नागरिकों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। मॉक ड्रिल के दौरान क्या होगा -सबसे पहले, एयर रेड वार्निंग सायरन को चालू किया जाएगा, इसका मतलब है कि हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा। -नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी कि हमले की स्थिति में खुद को कैसे बचाएं। -क्रैश ब्लैक आउट के उपाय किए जाएंगे, इसका मतलब है कि हमले के दौरान रोशनी बंद करने यानी क्रैश ब्लैक आउट की व्यवस्था की जाएगी। -महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को जल्दी से छिपाने की व्यवस्था की जाएगी, प्लांट्स और जरूरी जगहों को दुश्मनों से बचाने के लिए उन्हें कैसे जल्द से जल्द छिपाया जाए ये बताया जाएगा। -निकासी योजना यानी एवेकुएशन प्लान क्या होगा, इससे लोगों को अपडेट किया जाएगा, इसके साथ ही उसका अभ्यास भी किया जाएगा। -एवेकुएशन प्लान का मतलब है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना। इसका मतलब है कि युद्ध की स्थिति में कैसे आम लोगों को सुरक्षित जगह ले जाएं इसकी तैयारी की जाएगी। ---------------------------------------------------------------- 54 साल पहले भारत पाक युद्ध से पूर्व हुई थी ऐसी ही मॉक ड्रिल - वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध् के समय बुजुर्गों ने साझा किए अनुभव शामली। संवाददाता भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात अभी नहींं बल्कि पहले भी हो चुके है, लेकिन ऐसे हालातों में मॉक ड्रिल 54 साल बाद हो रही है। वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध से पूर्व इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। उस समय शामली की आबादी बहुत कम थी। शामली मुजफ्फरनगर जिले का ही हिस्सा हुआ करता था। शामली शहर भी इस तरह विकसित नहींं था। उस समय भारत ने विजय प्राप्त कर पाकिस्तान का विभाजन कर बंग्लादेश को अलग देश बना दिया था। उस समय के बड़े बुजुर्गों को उस समय का घटना क्रम आज भी याद है। 1971 का मॉक ड्रिल मुझे अच्छी तरह याद है। रात को लाइट जलाना प्रतिबंध था। आज की अपेक्षा पहले बिजली कम आती थी। सोशल मीडिया भी नहींं था। डर का माहौल था भारत और पाकिस्तान के बीच जो युद्ध हुआ था। उसमें पाकिस्तान को हमारी सेना ने अच्छी तरह धूल चटाई थी। वेदपाल सिंह, सेवानिवृत्ति प्रधानाध्यापक मॉक ड्रिल किसी भी आक्रमण की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाता है। ब्लैकआउट जैसी स्थिति ज्यादा बनती है। 1971 में मॉकड्रिल की वजह से ही भारत को बहुत कम नुकसान हुआ था। पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। सुरक्षा को देखते जानकारी सबको रखनी चाहिए। रामेश्वर दयाल शर्मा 1971 की घटना ने मेरे अंदर जोश भर दिया था। उस समय हर बच्चा युद्ध में खुद को झोंकने के लिए तैयार था। मुझे अपने देश पर और देश के वीर जवानों पर गर्व है। अगर अब भारत पाकिस्तान में युद्ध होता है, तो पाकिस्तान खंड-खंड हो जाएगा। जगमेर सिंह 1971 की घटना की थोड़ी बहुत याद आती है। हम लोगों को कहीं बाहर घूमने जाना था लेकिन युद्ध के वजह से निरस्त हो गया था। 1971 के बाद जब भारत की जीत हुई उस समय पूरे देश में खुशी का माहौल था। घर में पकवान बने थे। सभी खुश थे वह पूरे जोश में थे। मोहकम सिंह 1971 के युद्ध में पाकिस्तान दो टुकड़ों में बटा था। अगर इस बार युद्ध होता है तो पाकिस्तान के कई टुकड़े हो जाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में देश की सेना ने पाकिस्तान को दो टुकडों में बांट दिया था। ओमप्रकाश शर्मा 1971 के युद्ध के दौरान सभी लोग घरों में कैद रहते थे। उस समय रात्रि में बिजली जलाने की अनुमति नहीं थी। दिनभर सायरन बजता था। मोबाईल फोन भी नहीं होते थे और एक दूसरे से संपर्क करने में भी परेशानी होती थी। अब देश काफी मजबूत है पाकिस्तान को धून चटा देगा। श्रीपाल गोयल ---------
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