YouTuber Elvish Yadav gets setback from the High Court petition rejected case will be filed for use of snake venom drugs यूट्यूबर एल्विश यादव को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सांप के जहर और ड्रग्स के इस्तेमाल का चलेगा केस, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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यूट्यूबर एल्विश यादव को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सांप के जहर और ड्रग्स के इस्तेमाल का चलेगा केस

यूट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। एल्विश की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। एल्विश ने रेव पार्टी आयोजित करने और सांप के जहर के दुरुपयोग के आरोप में दर्ज मुकदमे की चार्जशीट व सम्मन आदेश रद्द करने की मांग में याचिका दाखिल की थी।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानMon, 12 May 2025 02:18 PM
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यूट्यूबर एल्विश यादव को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सांप के जहर और ड्रग्स के इस्तेमाल का चलेगा केस

यूट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर एल्विश की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। दरअसल, एल्विश यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी। उसने रेव पार्टी आयोजित करने और सांप के जहर के दुरुपयोग के आरोप में दर्ज मुकदमे की चार्जशीट और सम्मन आदेश रद्द करने की मांग में याचिका दाखिल की थी।

एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टियों का आयोजन करता था, जहां विदेशी नागरिक भी बुलाए जाते थे, जो लोगों को सांप के ज़हर और अन्य मादक पदार्थों का सेवन कराते थे। सूचना देने वाले ने आरोप लगाया कि जब उसने एल्विश यादव से संपर्क किया तो एल्विश यादव ने उसे राहुल से मिलवाया, जिसने रेव पार्टी आयोजित कराने पर सहमति दी। एल्विश यादव के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48ए, 49, 50 व 51, आईपीसी की धारा 284, 289 व 120बी और एनडीपीएस एक्ट की धारा 8, 22, 29, 30 व 32 के तहत गौतम बुद्ध नगर के सेक्टर-49 थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। चार्जशीट दाखिल होने के बाद गौतम बुद्ध नगर की एसीजेएम प्रथम की अदालत ने सम्मन भी जारी किया।

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एल्विश यादव ने याचिका में कहा कि मुकदमा दर्ज कराने वाला वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अधिकृत व्यक्ति नहीं है। वह खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताकर झूठा दावा कर रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि याची के पास से न तो कोई सांप और न ही कोई मादक पदार्थ बरामद हुआ है। इसके अलावा अभियुक्त और अन्य सह-अभियुक्तों के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध स्थापित नहीं किया गया। यह भी कहा कि सर्वविदित तथ्य है कि याची सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर है। विभिन्न टीवी रियलिटी शो में भी नजर आता है। स्वाभाविक रूप से इस मामले में उसका नाम जुड़ने के कारण मीडिया में काफी हलचल हुई। इसी कारण पुलिस अधिकारियों ने अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखाते हुए एडीपीएस एक्ट की धाराएं भी लगा दीं लेकिन बाद में इन धाराओं को साबित न कर पाने के कारण हटा दिया गया। यह भी दलील दी गई कि याची के खिलाफ आरोप अस्पष्ट व निराधार हैं।