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उत्तराखंड में गाड़ियों की खतरनाक रफ्तार जानलेवा, ओवरस्पीडिंग के भयावह हैं आंकड़े

  • एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सही है कि ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, अनफिट वाहन, शराब पीकर वाहन चलाना समेत कुछ श्रेणियों में चालान की संख्या चिंताजनक ढंग से बढ़ी है।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून। चंद्रशेखर बुड़ाकोटीTue, 15 April 2025 08:43 AM
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उत्तराखंड में गाड़ियों की खतरनाक रफ्तार जानलेवा, ओवरस्पीडिंग के भयावह हैं आंकड़े

साक्षरता के लिहाज से राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ चुके उत्तराखंड के लोग यातायात के नियमों का पाठ पढ़ने और पालन करने में पीछे हैं। राज्य में पांच साल की अवधि में राज्य में ओवरस्पीड से वाहन चलाने के मामलों में नौ गुना और यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग चार गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है।

परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न अपराधों में किए चालानों की पांच साल के आंकड़ों में यह तस्वीर सामने आ रही है। ये आंकड़े राज्य के लोगों की यातायात नियमों के प्रति लापरवाही को जाहिर कर रहे हैं।

ये आंकड़े वर्ष 2020-21 से लेकर 31 जनवरी 2025 तक के हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन इसलिए भी चिंता की वजह है, क्योंकि राज्य को हादसों के लिहाज संवेदनशील राज्य माना जाता है।

राज्य में हर साल हादसों और उनमें जान गंवाने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। हर साल औसतन एक हजार से ज्यादा लोग हादसों में जान गंवा रहे हैं।

तकनीक ने नियम तोड़ने वालों को पकड़ा: राज्य में वाहनों के तेज रफ्तार से चलने की एक वजह हालिया कुछ समय में सड़कों की स्थिति में हुआ सुधार भी एक वजह है। चौड़ी सड़कों पर लोग रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रख रहे।

इंटरसेप्टर, एनपीआर कैमरों के नेटवर्क से नियमों का उल्लंघन करने वालों को चिह्नित करना आसान हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सही है कि ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, अनफिट वाहन, शराब पीकर वाहन चलाना समेत कुछ श्रेणियों में चालान की संख्या चिंताजनक ढंग से बढ़ी है।

सचिव-परिवहन बृजेश कुमार संत कहते हैं कि यातायात नियमों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यह अपनी सुरक्षा के साथ साथ सड़क पर चल रहे अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।

बहरहाल, परिवहन विभाग ने अपनी प्रवर्तन टीमों को और सशक्त किया है। हाल में नए परिवहन अधिकारी भी विभाग को मिले हैं। दुर्घटना के लिहाज से सभी संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं।

यह है तस्वीर

ओवरलोडिंग: वर्ष 2020-21 में 2591 चालान किए गए थे। वर्ष 2024-25 में बढ़कर 11 हजार 570 हो गए।

ओवरस्पीड: वर्ष 2020-21 में 3354 लोगों के चालान हुए थे। 2024-25 में इनकी संख्या 27 हजार हो चुकी है।

अनफिट वाहन: 2020-21 में 4771 वाहनों का चालान हुआ। 2024-25 में यह संख्या 12 हजार 500 है।

निजी वाहन का कॉमर्शियल उपयोग: पांच साल में चालान की संख्या 265 से बढ़कर 1254 हो गई।

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