मजदूरों की एकता देश की ताकत : बिष्ट
रायपुर के ओएलएफ कम्युनिटी सेंटर में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के स्थापना दिवस पर मजदूरों की समस्याओं पर चर्चा हुई। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने, ठेका प्रथा को समाप्त करने, और...

रायपुर स्थित ओएलएफ के कम्युनिटी सेंटर में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के स्थापना दिवस पर मजदूरों की समस्याओं पर मंथन हुआ। आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने के साथ ही विभिन्न संस्थानों में ठेका प्रथा से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने की मांग उठाई गई। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर जोर दिया गया। निर्णय लिया गया कि यदि सरकार मजदूरों की मांगों को नहीं मानती है तो मजबूरन इंटक को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। मुख्य अतिथि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि मजदूर सिर्फ कामगार नहीं, बल्कि आजादी के सिपाही भी थे, मजदूरों की एकता देश की ताकत है।
कहा कि मजदूर सिर्फ फैक्ट्रियों और खेतों में काम नहीं करते, उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर मजदूरों को सम्मान और अधिकार नहीं दिए गए, तो देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले जब देश में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चल रहा था, तब यह महसूस किया गया कि मजदूरों को भी संगठित किया जाए। इसी सोच से 3 मई 1947 को इंटक की स्थापना हुई, ताकि मजदूरों की आवाज भी सुनी जा सके, आज इंटक देश का सबसे बड़ा संगठन है और कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। इस मौके पर यूथ इंटक अध्यक्ष पंकज क्षेत्री, विरेंद्र नेगी, अभिषेक बिष्ट, सरदार गुरुदयाल सिंह, एपी अमोली, ओएनजीसी से अनिल शर्मा, अजय शर्मा, हारुक हसन, विनोद कवि, आशा शर्मा, बालेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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