नैनीताल जाना पड़ेगा महंगा! शहर के अंदर निजी वाहन लाने पर देना होगा ईको टैक्स
नैनीताल आने वाले पर्यटकों को शहर के अंदर वाहन लाने पर ‘ईको टैक्स’ देना होगा। अभी तक तल्लीताल क्षेत्र से शहर में प्रवेश करने वाले निजी वाहनों को टैक्स देना पड़ता है। शनिवार को हुई नगरपालिका नैनीताल की बोर्ड बैठक में मसूरी की तर्ज पर ईको टैक्स लगाने पर प्रस्ताव पास किया गया।

अगर आप भी गर्मियों की छुट्टियों में नैनीताल की ट्रिप पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके मतलब की है। जी हां, अपने वाहन से नैनीताल आने वालों को अब अपनी जेब और ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है।
नैनीताल आने वाले पर्यटकों और अन्य लोगों को शहर के अंदर वाहन लाने पर टोल टैक्स की तर्ज पर ‘ईको टैक्स’ भी देना होगा। अभी तक शहर के तल्लीताल क्षेत्र से शहर में प्रवेश करने वाले निजी वाहनों को ही टोल टैक्स देना पड़ता है।
नैनीताल नगर पालिका की शनिवार को हुई पहली बोर्ड बैठक में मसूरी की तर्ज पर ईको टैक्स लगाने पर प्रस्ताव पास किया गया। इसके तहत शहर के दूसरे छोर से आने वाले वाहनों को भी टैक्स देना होगा। बोर्ड ने इस व्यवस्था को लागू करने से पहले विधिक राय लेने का मन बनाया है।
नैनीताल शहर के कई हिस्से काफी संवेदनशील हैं। पर्यटन सीजन में यहां पर्यटकों की भीड़ और उनके निजी वाहनों को काबू करना खासा मशक्कत भरा काम होता है। वहीं, हल्द्वानी की तरफ से आने वाले निजी वाहनों को रूसी बाईपास पर ही पार्क कराया जाता है। जबकि, भवाली और कालाढूंगी की तरफ से आने वाले वाहनों को भी शहर से बाहर ही पार्क कराया जाता है।
ट्रैफिक जाम है बड़ी समस्या
बता दें कि, उत्तराखंड में झीलों के शहर के तौर पर प्रसिद्ध नैनीताल हमेशा से ही देश और दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का खास केंद्र रहा है। हर साल लाखों-करोड़ों की तादाद में पर्यटक यहां छुट्टियों मनाने आते हैं। इससे पर्यटन का एक बड़ा केंद्र होने के चलते यहां व्यापार और अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। वहीं अक्सर शहर की सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम भी देखने को मिलता है। इसके चलते स्थानीय लोगों को अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
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