हल्द्वानी जेल में बंदी-कैदी जुलाई से कर सकेंगे स्नातक की पढ़ाई
हल्द्वानी उप कारागार में बंदियों को स्नातक की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। इग्नू के तहत पढ़ाई जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। जेल प्रशासन का मानना है कि यह पहल बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव...

हल्द्वानी। हल्द्वानी उप कारागार में रखे गए बंदी और कैदियों को शीघ्र स्नातक की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। वे पहली बार यहां स्नातक की पढ़ाई कर जेल से ही डिग्री पा सकेंगे। इसके लिए जेल प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इग्नू के तहत जेल प्रशासन पढ़ाई करवाएगा। जुलाई से पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। देहरादून, सितारगंज और हरिद्वार जेलों में सफलतापूर्वक संचालित हो रहे शिक्षा कार्यक्रम के बाद अब हल्द्वानी उप कारागार में भी बंदी और कैदियों के लिए पढ़ाई के अवसर उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू हो गई है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर हल्द्वानी जेल में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का अध्ययन केंद्र खोलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
करीब 28 बंदी और कैदियों ने पढ़ाई करने की इच्छा जताई है, जिसके चलते जेल प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर औपचारिक स्वीकृति मांगी थी। इस पर मुख्यालय से हामी भर दी गई है। जेल प्रशासन ने फिलहाल कक्षा संचालन के लिए वीसी रूम का चयन किया है। अभी किताबें आनी बाकी हैं। स्नातक में फिलहाल यहां कला संवर्ग के पाठ्यक्रम का संचालन किया जाएगा। आपराधिक प्रवृतियों से दूर करने को जेल प्रशासन की पहल बंदी और कैदियों को आपराधिक प्रवृत्तियों से दूर रखने और उनमें सकारात्मकता का भाव पैदा करने के लिए जेल प्रशासन यह कदम उठा रहा है। इसके अलावा सलाखों के पीछे रह रहे विचाराधीन बंदियों को शिक्षा के महत्व को समझाना खास कारण है। जेल प्रशासन का मानना है कि ये पहल बंदी और कैदियों के जीवन को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 1100 से अधिक महिला-पुरुष जेल में हल्द्वानी उप कारागार में वर्तमान में 1100 से अधिक बंदी और कैदी हैं, जो कि हत्या, दुष्कर्म, लूट, चोरी, डकैती समेत अन्य अपराधों में आरोपी हैं। इनमें से एक हजार से अधिक पुरुष और बाकी महिला हैं। स्वरोजगार से जोड़ने के लिए यहां तमाम प्रशिक्षण कराए जाते हैं। इसके अलावा बंदी और कैदी जेल के भीतर मजदूरी करके भी मेहनताना कमाते हैं। कोट: हम संभवत: जुलाई से उप कारागार में स्नातक की पढ़ाई शुरू कराएंगे। इसके लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पढ़ाई के लिए वीसी रूम को चयनित किया गया है। इससे बंदी और कैदियों में सकारात्मक भाव पैदा होगा। प्रमोद पांडे, अधीक्षक, हल्द्वानी उप-कारागार।
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