बोले हरिद्वार : भूपतवाला में 80 हजार लोग कर रहे पीएनजी की लाइन बिछने का इंतजार
भूपतवाला में हरिद्वार नेचुरल गैस कंपनी ने अब तक भूमिगत गैस पाइपलाइन नहीं बिछाई है। इसके कारण 80,000 लोग पीएनजी गैस कनेक्शन से वंचित हैं, खासकर त्योहारों के समय LPG सिलेंडर की किल्लत होती है। पिछले 8...
भूपतवाला में हरिद्वार नेचुरल गैस कंपनी ने भूमिगत गैस पाइप लाइन नहीं बिछाई है। इस कारण क्षेत्र के लोग घर पर पीएनजी गैस कनेक्शन मिलने से वंचित है। पाइप लाइन नहीं होने की वजह से लोगों को गैस कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। घर पर पीएनजी सप्लाई नहीं मिलने की वजह से यहां रहने वाली 80 हजार की आबादी को कुंभ और अर्द्धकुंभ मेले, कांवड़ मेले, स्नान पर्व और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान हाईवे और अंदरूनी सड़कें बंद होने के बाद एलपीजी सिलेंडरों की किल्लत से जूझना पड़ता है। पिछले 08 सालों से भूमिगत पाइप लाइन के लिए लोग पीएनजी कंपनी के चक्कर काट रहे है, लेकिन लोगों की कोई सुनवाई नहीं की गई है। भूपतवाला की उपेक्षा से लोगों में नाराजगी है। प्रस्तुत है सचिन कुमार की रिपोर्ट...
गैस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) और हरिद्वार नेचुरल गैस प्राइवेट लिमिटेड (एचएनजीपीएल) ने संयुक्त रूप से वर्ष 2016 में हरिद्वार में भूमिगत गैस पाइप लाइन डालने का कार्य शुरू किया था। उस समय दावे किए गए थे कि हरिद्वार के सभी उपभोक्ताओं को पाइप लाइन के जरिए सस्ती गैस उपलब्ध कराई जाएगी और लोगों को एलपीजी गैस सिलेंडर से भी मुक्ति मिल जाएगी। हरिद्वार में अन्य कई जगहों पर गैस पाइप तो डाली गई। लेकिन भूपतवाला क्षेत्र को वंचित रखा गया। हिन्दुस्तान से बातचीत में लोगों ने बताया कि कंपनी ने केवल हरकी पैड़ी तक ही गैस पाइप लाइन बिछाई और उसके बाद आगे पाइप लाइन बिछाने का काम बंद कर दिया। भूपतवाला क्षेत्र पॉश और घनी आबादी वाला इलाका है। यहां स्थानीय लोगों के घर होने के साथ कई मठ मंदिर, आश्रम, धर्मशालाएं और होटल ढाबे आदि बड़ी संख्या में संचालित होते हैं। कुंभ, अर्द्धकुंभ, कांवड़, गंगा दशहरा, मकर संक्रांति और वीकेंड आदि पर हाईवे और आंतरिक सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है। जाम के कारण उत्तरी हरिद्वार में एलपीजी गैस सिलेंडर की सप्लाई बाधित होती रहती है। कई दफा 10 दिन तक न तो एलपीजी गैस की सप्लाई हो पाती है और न ही जाम के कारण लोगों खुद गोदाम से सिलेंडर ला पाते हैं।
यात्रा सीजन में तो हरिद्वार में होटल ढाबे और अन्य खाने पीने की दुकानें खुल जाती हैं। ऐसी स्थिति में गैस की डिमांड 03 गुना बढ़ जाती है। इस दौरान गैस एजेंसियों को सिलेंडर की सप्लाई पूरी करना भारी पड़ जाता है। गैस आपूर्ति न होने से दुकानदारों का नुकसान है और घरों में महिलाओं को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। आरोप लगाया कि शासन प्रशासन ने उपभोक्ताओं को पाइप लाइन के जरिए घरों गैस उपलब्ध कराने का दावा किया था। लेकिन उनके क्षेत्र में अभी तक गैस पाइपलाइन नहीं बिछाई है। लिहाजा विपरीत परिस्थितियों में भी उन्हें महंगी गैस तो खरीदनी पड़ ही रही है। हर बड़े आयोजनों पर परेशानियों का सामना भी अलग से करना पड़ता है। बताया कि कंपनी का संचालन निजी प्रणाली से होता है। फिर भी घरों को गैस पाइप लाइन से नहीं जोड़ा गया है। पिछले 08 सालों से पीएनजी गैस के के लिए लोग कंपनी कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है। कई दफा मांग कर चुके हैं लेकिन लोगों की कोई सुनवाई कंपनी की अधिकारी और कर्मचारी नहीं करते है। वर्तमान में भी बड़ी संख्या में लोग घरों में पीएनजी गैस का कनेक्शन पाने और घर के चूल्हे गैस से चलने की प्रतीक्षा कर रहे है। लोगों का आरोप है कि कंपनी से कई बार संपर्क करने के बाजवूद कोई उचित जवाब नहीं मिलता है।
योजना का लाभ नहीं मिलने से लोग परेशान
लोगों ने बताया कि कंपनी के हरिद्वार में करीब 26 हजार उपभोक्ता है। 26 हजार उपभोक्ताओं में कंपनी सिर्फ 16 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को गैस की सप्लाई वर्तमान समय में कर रही है। शहर के करीब 10 हजार उपभोक्ताओं को गैस की सप्लाई कंपनी ने शुरू नहीं की है। पिछले 8 सालों से कंपनी के पास बजट की कमी रही है। नया टेंडर शुरू होने और नया कॉन्ट्रेक्ट मिलने के बाद ही क्षेत्रों में लोगों के कनेक्शन जोड़े जाने की संभावना थी। आरोप है कि पिछले वर्ष 2024 में कंपनी ने शहर में सिर्फ 200 नए उपभोक्ताओं को गैस की सप्लाई चालू की है। बड़ी संख्या में लोगों को गैस के कनेक्शन नहीं मिले है। इस कारण बड़ी संख्या में शहर के उपभोक्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे है। इसके अलावा घरों में पीएनजी की सप्लाई करने वाली कंपनी हरिद्वार नेचुरल गैस घरेलू उपभोक्ताओं को 60 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वर्तमान में गैस की सप्लाई कर रही है। जबकि वर्ष 2016 में शुरुआत के समय में उपभोक्ताओं से 33 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से गैस की सप्लाई कंपनी कर रही थी।
हर की पैड़ी तक ही मिल रहा योजना का लाभ
गेल और एचएनजीपीएल ने वर्ष 2016 में पीएनजी योजना की शुरुआत करते हुए हरिद्वार के हर घर तक पाइपलाइन से गैस पहुंचाने का दावा किया था, लेकिन योजना की पाइपलाइन हर की पैड़ी तक ही सीमित रह गई। भूपतवाला जैसे बड़े और घनी आबादी वाले क्षेत्र को अब तक नजरअंदाज किया गया है। इसके अलावा अन्य कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां गैस पाइप लाइन के कनेक्शन तो दूर की बात है वहां लाइन बिछाने की कार्ययोजना तक तैयार नहीं की गई है। भूपतवाला के लोग उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उनके क्षेत्र में भी भूमिगत गैस पाइप लाइन बिछाने चाहिए और उन्हें तत्काल पीएनजी के कनेक्शन भी दिए जाने चाहिए।
पर्वों पर सिलेंडर पर निर्भरता बनी मुसीबत
लोगों ने बताया कि कुंभ, अर्द्धकुंभ, कांवड़ यात्रा, गंगा दशहरा, मकर संक्रांति और वीकेंड जैसे अवसरों पर शहर में भीड़ बढ़ जाती है। ऐसे में सिलेंडर की सप्लाई बाधित हो जाती है और लोग तीन-तीन दिन तक बिना गैस सिलेंडर के रहने को मजबूर हो जाते हैं। खासकर महिलाओं को रसोई चलाने में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। इसके अलावा यहां होटल ढाबे और अन्य खाने-पीने की दुकानें चलाने वाले दुकानदारों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। कई दफा तो लोग ब्लैक में सिलेंडर लेने को भी मजबूर हो जाते हैं। इसके अलावा स्नान पर्वों पर भीड़ का दबाव रहता है और हाईवे पर लंबा जाम। ऐसी स्थिति में सिलेंडर की आपूर्ति नहीं होती। जब डिलिवरी बॉय ही घरों तक नहीं पहुंच पाते तो लोगों को खुद सिलेंडर ले जाना पड़ता है।
लोग बोले, कोई अधिकारी फोन नहीं उठाते
हरिद्वार का भूपतवाला क्षेत्र घनी आबादी वाला क्षेत्र है। इसे हरिद्वार का पॉश इलाका भी कहा जाता है, लेकिन फिर भी यहां के लोग मूलभूत सुविधा से वंचित है। यहां के लोग आठ वर्षों से गैस कनेक्शन के लिए कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। दर्जनों शिकायतें करने के बावजूद उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलते हैं। लोगों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी फोन तक नहीं उठाते और न ही स्पष्ट जानकारी देते हैं। उनका कहना है कि विकास की योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन उन्हें धरातल पर नहीं उतरा जाता है। यदि एक बार में ही पूरे हरिद्वार में गैस पाइप डालने का कार्य होता तो लोगों को सुविधा भी मिलती और सड़कों में तोड़फोड़ से भी परेशानी न उठानी पड़ती।
रसोई गैस की कालाबाजारी पर लगेगी रोक
भूपतवाला में बड़ी संख्या में मठ, मंदिर, आश्रम, धर्मशालाएं, होटल और ढाबे संचालित होते हैं। त्योहारों और मेलों के दौरान इन स्थानों पर गैस की खपत कई गुना अधिक बढ़ जाती है, लेकिन रसोई गैस की पर्याप्त आपूर्ति न होने से व्यवसाय भी प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही स्थानीय लोगों के साथ ही यात्रियों को असुविधा होती है। ऐसी स्थिति में उन्हें मजबूरी में ब्लैक में रसोई गैस सिलेंडर की व्यवस्था करनी पड़ती है। कॉमर्शियल सिलेंडर पहले से ही महंगा है और उन्हें ऊपर से ओर भी ज्यादा दाम चुकाने पड़ते हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि गैस की डिलीवरी करने वाले हॉकर सिलेंडरों की कालाबाजारी करते हैं। बड़े होटल ढाबे वाले तो फिर भी नुकसान झेल जाते हैं, लेकिन छोटे दुकानदारों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। व्यापारियों ने बताया कि इसी का फायदा उठाकर गैस डिलीवरी वाले सिलेंडर से गैस निकाल लेते हैं। भूमिगत गैस पाइप लाइन आने के बाद कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी।
सुझाव
1. प्रशासन को भूपतवाला की पीएनजी से जुड़ी समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए।
2. गेल और एचएनजीपीएल को भूपतवाला क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू करना चाहिए।
3. एक सर्वे टीम का गठन करना चाहिए जो छूटे हुए क्षेत्रों में जाकर सर्वे कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
4. कंपनी को स्थानीय लोगों के लिए एक स्थायी हेल्प डेस्क या शिकायत समाधान केंद्र स्थापित करना चाहिए, जिससे संवाद बेहतर हो सके।
5. जब तक पाइपलाइन नहीं बिछती,तब तक त्योहारों के समय सिलेंडर की विशेष आपूर्ति की व्यवस्था हो।
शिकायतें
1. पिछले आठ सालों से भूपतवाला क्षेत्र में पीएनजी गैस कनेक्शन की मांग की जा रही है।
2. गैस पाइपलाइन हर की पैड़ी तक ही बिछाई गई है जबकि भूपतवाला जैसे घनी आबादी वाले इलाके को इस सुविधा से वंचित रखा गया है।
3. स्नान पर्वों, कांवड़ और कुंभ मेलों के दौरान भारी भीड़ और जाम की स्थिति में सिलेंडर की सप्लाई समय पर नहीं पहुंचती जिससे सब लोग परेशान होते हैं।
4. कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों से बार-बार संपर्क करने के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता और शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं।
5. पीएनजी सुविधा नहीं होने से लोगों को एलपीजी सिलेंडर महंगे दामों में खरीदने पड़ते हैं।
बोले जिम्मेदार
पुराने आवेदनों पर पहले पीएनजी के कनेक्शन दिए जा रहे हैं। साथ ही छूटे हुए क्षेत्रों में भी भूमिगत गैस पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। हरिद्वार के कई क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने की योजना है। उच्च स्तर से वार्ता कर भूपतवाला में भी मांग के अनुरूप गैस पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाएगा। -प्रांशु, फायर सेफ्टी अधिकारी
बोले लोग--
पिछले कई सालों से सुन रहे हैं कि भूपतवाला क्षेत्र में पीएनजी गैस आने वाली है, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। कई बार मांग कर चुके हैं। अब तो सबका कंपनी से भरोसा ही उठ गया है। -गौरव खन्ना
जब हर की पैड़ी तक पीएनजी की लाइन जा सकती है, तो भूपतवाला को क्यों छोड़ा गया? यहां तो आबादी ज्यादा है और गैस की आवश्यकता भी लोगों को बहुत ज्यादा है। -पवन शास्त्री
सिलेंडर महंगे हो चुके हैं, ऊपर से समय पर नहीं मिलते। अगर पीएनजी कनेक्शन होता तो इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। जल्द से जल्द क्षेत्र में पीएनजी की लाइन बिछनी चाहिए। -एसएन तिवारी
मेलों और स्नान पर्वों पर अगर रसोई गैस सिलेंडर खत्म हो जाए तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। जाम में सिलेंडर वाले आते नहीं और खुद जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता।-नीशू श्रीवास्तव
सरकार और कंपनी ने वादा किया था कि हर घर तक भूमिगत गैस पहुंचेगी लेकिन वादे खोखले साबित हो रहे हैं। हमारे भूपतवाला क्षेत्र को छोड़ दिया गया है। स्थानीय लोग खासा परेशान हैं। -मुकेश कुमार
कई बार ट्रैफिक जाम में फंसकर सिलेंडर खुद लाना पड़ा है। यह परेशानी अब आदत बन गई है, लेकिन इसे खत्म होना चाहिए। क्षेत्र को पीएनजी से जोड़ा जाना बहुत जरूरी हो गया है। -महेश कलोनी
हर बार कनेक्शन की मांग को लेकर लोग कंपनी के दफ्तर जाते हैं, लेकिन वहां से सिर्फ आश्वासन मिलता है। कोई तारीख नहीं बताते, न ही काम शुरू करते हैं। सब परेशान हैं। -विनेश शर्मा
मेले और त्योहारों के समय गोदाम से गैस सिलेंडर लाना बहुत मुश्किल हो जाता है। हमें कई बार तो दो-दो दिन तक गैस नहीं मिलती। इस कारण स्थानीय लोग बहुत परेशान रहते हैं। -राजेंद्र कश्यप
स्थानीय लोग कई बार कंपनी को लिखित शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। ऐसा लगता है जैसे हमारी आवाज ही नहीं सुनी जा रही और उपेक्षा हो रही है। -बंटी
इस क्षेत्र में बहुत सारे आश्रम और होटल हैं, यहां रसोई गैस की मांग ज्यादा है। इसके बावजूद कंपनी लोगों की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इस कारण सब लोग बहुत परेशान हैं। -अनिल कोरी
हरिद्वार एक धार्मिक शहर है, यहां हर महीने भीड़ होती है। ऐसे में सिलेंडर पर निर्भर रहना बहुत बड़ी समस्या बन गया है। डिमांड पूरी नहीं होती इसीलिए भूमिगत गैस लाइन बिछानी चाहिए।-राजेंद्र जोशी
भूपतवाला पॉश इलाकों में आता है, यहां आश्रम और मठ मंदिरों में बाहर से भी यात्री आते हैं। यात्रियों पर निर्भर होटल ढाबों वालों को भी गैस की किल्लत होती है। क्षेत्र को पीएनजी से जोड़ना चाहिए। -निशीथ ऐरन
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