केदारनाथ-बदरीनाथ उत्तराखंड चारधाम में गैर-हिंदुओं को भी प्रवेश! नैनीताल हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
गैर हिंदुओं पर प्रतिबंध के अलावा, स्वरूप ने चार मंदिरों में पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की भी मांग की थी। कहना था कि उत्तराखंड में किसी भी अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए यात्रा सीजन में तीर्थ स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

Chardham Yatra: उत्तराखंड चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो चुका है। इसी के बीच चारधाम यात्रा पर एक बहुत बड़ा अपडेट समाने आया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारों धामों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार निवासी आनंद स्वरूप द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
जनहित याचिका में सुरक्षा को मुद्दा बनाते हुए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के मंदिरों में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई थी। स्वरूप ने गुजरात में 2002 के अक्षरधाम मंदिर हमले, वाराणसी के शीतला घाट में 2010 के बम विस्फोट और पहलगाम में 26 लोगों की हाल ही में हुई हत्याओं सहित हिंदू धार्मिक स्थलों पर पिछले हमलों का हवाला देते हुए कड़े सुरक्षा उपाय की मांग की थी।
इसी के साथ ही चारधाम मंदिरों में तीर्थ यात्रियों की संख्या की भी मांग उठाई थी। गैर हिंदुओं पर प्रतिबंध के अलावा, स्वरूप ने चार मंदिरों में पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की भी मांग की थी। कहना था कि उत्तराखंड में किसी भी अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए यात्रा सीजन में तीर्थ स्थलों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
पहलगाम आतंकी हमले का हवाला देते हुए तीर्थयात्रा सीजन के दौरान कड़ी सुरक्षा की मांग की थी। याचिका में स्वरूप ने कहा था कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ का गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है और सुझाव दिया था कि सिर्फ श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने की अनुमति दी जाए ताकि धामों के अपवित्रता के जोखिम को भी कम किया जा सके।
याचिका में केदारनाथ में पिछली आपदाओं का भी हवाला दिया गया था, जिसमें काफी जानमाल का नुकसान हुआ था। इसी के साथ ही चारधाम रजिस्ट्रेशन के बाद तीर्थ यात्रियों की गहनता से सुरक्षा को परखा जाए। केदारनाथ धाम की
भौगोलिक क्षमता के आधार पर तीर्थ यात्रियों की संख्या को सीमित करने की मांग उठाई थी। मामले की सुनवाई शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक माहरा की पीठ ने की और जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।
चारों धामों के खुल चुके हैं कपाट
गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट 30 मई को खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा का विधिवत शुभांरभ हो चुका है। 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले गए थे। चमोली जिले में स्थित सिखों के धार्मिक स्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले गए थे, जिसको लेकर सरकार की ओर से तैयारियां पूरी जोरों पर हैं।
चारधाम यात्रा पर जाने से पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर जाने से पहले ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है। उत्तराखंड सरकार की सरकारी वेबसाइट वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण कराया जा सकेगा। साथ ही मोबाइल ऐप touristcareuttarakhand पर भी पंजीकरण कराया जा सकेगा।
हेलीकॉप्टर यात्रा के लिए हेली टिकट heliyatra.irctc.co.in पर बुक किए जा सकेंगे। किसी भी समस्या के लिए टोल फ्री नंबर 0135-1364 पर श्रद्धालु 24 घंटे संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही टेलीफोन नंबर 01352559898 और 01352552627 पर भी संपर्क कर सकेंगे।
25 लाख से ज्यादा हो चुका रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही तीर्थ यात्रियों में दर्शन करने को भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों से उत्तराखंड चारधाम के लिए 25 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुका है। केदारनाथ धाम के लिए सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुआ है।
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