गांव की सड़कें जून से पहले हो जाएं गड्ढामुक्त, मंत्री अशोक चौधरी बोले - लापरवाही नहीं करेंगे बर्दाश्त
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सभी कार्य समय पर पूरे हों, यह सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग बरसात के पहले गांव की सड़कों को गड्ढामुक्त करने में जुट गया है। विभागीय मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि जून से पहले राज्य की सभी ग्रामीण सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाना अनिवार्य है ताकि मानसून के दौरान आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष बल देते हुए स्पष्ट किया कि लापरवाही या समय सीमा का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संवेदकों के भुगतान को और अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाने पर भी मंत्री ने जोर दिया।
शनिवार को अधिवेशन भवन में ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत आयोजित संवाद सत्र में मंत्री ने कहा कि विभागीय नियमों के अनुसार ही सड़कों का निर्माण किया जाए। ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सभी कार्य समय पर पूरे हों, यह सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी जिलों में अधिकारियों और संवेदकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्यों को प्रभावी ढंग से संपन्न करने का आह्वान किया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 14087 पथ, जिनकी कुल लंबाई 24482 किमी है, की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 6374 पथों पर कार्य आवंटित कर दिया गया है। अभियंता प्रमुख-सह-अपर आयुक्त भगवत राम ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के तहत उन सभी ग्रामीण पथों को आगामी सात वर्षों तक मानक अनुरूप सेवा स्तर पर बनाए रखने की व्यवस्था की गई है, जो अपनी पंचवर्षीय अनुरक्षण/त्रुटि निवारण अवधि पूर्ण कर चुके हैं। इस अवधि के भीतर इन पथों के कालीकृत हिस्सों पर दो बार कालीकरण (री-सर्फेसिंग) करना है। संवाद सत्र में विशेष सचिव उज्ज्वल कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख निर्मल कुमार और विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी व संवेदक मौजूद रहे।