Neglect of Government Machinery Poses Danger in Kotdwar s Kumbhichaur Area बोले गढ़वाल : कुंभीचौड़ का पंचायती भवन खस्ताहाल, Kotdwar Hindi News - Hindustan
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बोले गढ़वाल : कुंभीचौड़ का पंचायती भवन खस्ताहाल

कोटद्वार के कुंभीचौड़ क्षेत्र में सरकारी मशीनरी की लापरवाही से लोगों की जान को खतरा है। जीर्ण पंचायत भवन की स्थिति गंभीर है, जहां आंगनबाड़ी केंद्र भी है। सड़कें खराब हैं, सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोटद्वारMon, 19 May 2025 12:54 AM
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बोले गढ़वाल : कुंभीचौड़ का पंचायती भवन खस्ताहाल

नगर निगम कोटद्वार के कुंभीचौड़ बस्ती क्षेत्र में सरकारी मशीनरी की लापरवाही कभी भी किसी बड़ी दुर्घटनाओं की वजह बन सकती है। इसका उदाहरण देखने को मिलता है खस्ताहाल पंचायत भवन को देखकर जहां आंगनबाड़ी केन्द्र का भी संचालन होता है। अब इसे निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी कहें या फिर गंभीर चूक लेकिन पंचायत भवन के अंदर के हालात को देखकर इसका पता चलता है। जर्जर भवन की छत से टूटकर गिरता मलबा और जरा सी बरसात में छत से रिसकर अंदर पहुंचता पानी दीवारों की हालत को तो खराब कर ही रहा है लेकिन ये किसी भी दिन उसमें मौजूद बच्चों और अन्य लोगों के जीवन पर संकट बनकर टूट सकता है। प्रस्तुत है आशीष बलोधी की रिपोर्ट...

नगरनिगम कोटद्वार के वार्ड संख्या दो अंतर्गत लगभग 6000 की आबादी वाले कुंभीचौड़ में मौजूद जीर्णशीर्ण पंचायत भवन कभी भी उसके अंदर मौजूद लोगों की जान पर आफत बन सकता है। स्थानीय जनता के अनुसार सरकारी निर्माणकार्यों में लापरवाही और घटिया गुणवत्ता का ही ये प्रमाण है कि पंचायत भवन की छतें अब उसका साथ भी छोड़ती नजर आ रही हैं। छत से लगातार गिरते सीमेंट रेत के हिस्सों का मलबा और झांकती सरियाओं के साथ टपकती छत से दीवारों का बिगड़ा नक्शा, स्थितियों की गंभीरता को बताने के लिए काफी है। सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि पंचायत भवन के अदंर ही आंगनबाड़ी केन्द्र का भी संचालन होता है। ऐसे में खतरे की आशंका हमेशा बनी हुई है। इलाके में स्ट्रीटलाइट‌‌‌‌स की भी बेहद कमी बनी हुई है। कई स्थानों पर तो उनकी गैरमौजूदगी के कारण लोगों को अंधेरे में ही आवाजाही करनी पड़ रही है जिससे उन्हें हमेशा जंगली जानवरों से सामना होने की भी आशंका सताती रहती है। सार्वजनिक जगहों पर लावारिस पशुओं की मौजूदगी भी क्षेत्रवासियों के लिए समस्या बनी हुई है।

आवाजाही के दौरान उनके हमले का डर तो लोगों को रहता ही है लेकिन उनके कारण होती गदंगी से भी लोग परेशान हैं। सफाई व्यवस्था के हाल भी बस्तीक्षेत्र में बेहद खराब हैं। कूड़ेदानों के नहीं होने और नियमित सफाई नहीं होने की वजह से रास्तों और नालियों में बिखरा कचरा और गदंगी क्षेत्रवासियों की दिक्कतों का कारण बन रही है। क्षेत्र में बोलने के लिए छोटा सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र तो है लेकिन उसमें जरूरी सुविधाएं नहीं होने की वजह से उसका लाभ आम जनता को मिल ही नहीं पा रहा है। क्षतिग्रस्त और खस्ताहाल सड़कें भी आवागमन के दौरान लोगों की कठिनाईयों को बढ़ाने का ही काम कर रही हैं। खोह नदी से सटे इस क्षेत्र में नदी का बहाव आबादी की ओर होने से भी खतरा मंडरा रहा है जो बरसात में मुसीबत बन सकता है। सिंचाई नहरों की बदहाली और सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी नहीं मिलने के चलते खेतीहर भूमि के उपयोग में किसानों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।

सुझाव

1. शहर के मुख्य भाग की तरह ही इस क्षेत्र को भी सीवरलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाए।

2. चोक नालियों को खोलकर गंदे पानी की निकासी की जाए।

3. क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में स्ट्रीटलाइट लगाई जाए और खराब स्ट्रीटलाइट को बदला जाए।

4. पर्याप्त कूड़ेदानों की व्यवस्था के साथ नियमित सफाईकर्मी की व्यवस्था हो। सरकारी अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जाएं।

5. बुरेहाल पंचायत भवन, क्षतिग्रस्त सड़कों का सुधारीकरण और मरम्मतीकरण हो जिससे दिक्कतें न हों।

शिकायतें

1. क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने से कई जगह खुले में बहता है सीवर जिस वजह से परेशानी होती है।

2. चोक और क्षतिग्रस्त नालियों की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहकर उन्हें खराब कर रहा है।

3. इलाके में अधिकांश स्थानों पर स्ट्रीटलाइट नहीं हैं और जहां हैं भी तो वो खराब पड़ी हैं। लावारिस पशुओं से समस्या।

4. न पर्याप्त कूड़ेदान हैं और ना ही नियमित सफाईकर्मी की व्यवस्था है। एकमात्र सरकारी अस्पताल में सुविधाएं नहीं होने से परेशानियां।

5. खस्ताहाल पंचायतभवन, सड़कों और खोह नदी के पानी से बही सड़क अब तक नहीं हुई ठीक।

कुंभीचौड़ को नहीं मिलता स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ

बड़ी जनसंख्या वाले कुंभीचौड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का भी टोटा बना हुआ है। कहने को इलाके में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र तो है, लेकिन उसमें मामूली आवश्यक सुविधाओं के भी नहीं होने के कारण वो जनता को इलाज तो दूर उन्हें दर्द ही ज्यादा दे रहा है। स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी सी समस्या का भी समाधान नहीं होने पर मजबूरी में लोगों को बेस अस्पताल जाना पड़ता है। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था भी बुरी तरह चरमराई हुई है। कूड़ेदानों की बेहद कमी होने, कूड़ा वाहन के कभीकभार पहुंचने और नियमित तौर पर सफाईकर्मियों के नहीं आने की वजह से सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा पसरा रहता है। बोलनेभर के लिये घर-घर कूड़ा उठान सुविधा तो है लेकिन ये योजना सिवाय फाइलों पर चलने से ज्यादा साबित क्षेत्रवासियों के लिये नहीं हो सकी है। उनका कहना है कि निगम प्रशासन उनसे 30 रुपयेे इस सुविधा के नाम पर वसूल तो रहा है।

खस्ताहाल सड़कों के कारण आम लोगों को होती है काफी परेशानी

कुंभीचौड़ बस्तीक्षेत्र में खस्ताहाल सड़कों की स्थितियों ने क्षेत्रवासियों को बेहद परेशान किया हुआ है। जगह-जगह टूटीफूटी सड़कों पर रोज वाहनों में हिचकोले खाते हुए व परेशानियों को झेलकर लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है, जो उनकी मजबूरी हो गई है। सबसे निराशाजनक बात तो यह है कि पिछली बरसात में और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को ठीक करने के प्रति बरती गई नजरअंदाजी अब आने वाली बरसात में लोगों के लिए ज्यादा बड़ी मुसीबत साबित होगी। दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि पिछले मानसून सीजन में खोह नदी में समाये सड़क के बड़े हिस्से को नये सिरे से बनाना तो दूर उसे ठीक तक नहीं किया गया है जिससे जोखिम उठाकर लोगों को आवाजाही करनी पड़ रही है। ऐसा नहीं है कि मुख्य सड़कों की ही ये स्थिति हो बल्कि विभिन्न सम्पर्क मार्ग भी बहुत ज्यादा खराब हैं।

अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब होने के कारण रात में होती है दिक्कत

बड़े आबादी का क्षेत्र होने के बावजूद नगरनिगम प्रशासन किस तरह उसकी अनदेखी कर रहा है उसका पता इलाके में पथ प्रकाश व्यवस्था को देखकर चलता है। अधिकांश क्षेत्र में स्ट्रीटलाइट की बेहद कमी तो है ही लेकिन कहीं कहीं तो स्ट्रीटलाइट लगाई ही नही गई हैं। जिन स्थानों पर स्ट्रीटलाइट लगी भी हैं तो वो या तो खराब पड़ी हैं या फिर बेहद धीमी रोशनी दे रही हैं जिस कारण उनका होना न होना जनता के लिए बराबर ही है। कुंभीचौड़ बस्तीक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नाथूपुर, बिशनपुर और जीतपुर जैसे मोहल्ले की गलियों में तो स्ट्रीटलाइट्स मौजूद ही नहीं हैं क्योंकि ढेरों बार कहने के बावजूद निगम प्रशासन इसके लिये तय्यार ही नहीं दिखाई देता। पूरे बस्तीक्षेत्र के कई मुख्य स्थानों पर लगी स्ट्रीटलाइट्स तो लम्बे समय से खराब पड़ी हुई हैं जो सिवाय शोपीस के और कुछ साबित नहीं हो रही हैं।

बरसात में खोह नदी से भूकटाव होने से आवासीय भवनों को खतरा

जरासी तेज बारिश में परेशान होने वाले लोगों की समस्या का एक बड़ा कारण इस क्षेत्र से बहने वाली खोह नदी है। वैसे तो सामान्य दिनों में लगभग सूखी रहने वाली खोह नदी मुख्यत: बरसाती नदी ही कहलायी जाती है लेकिन मानसून सीजन में इसका रौद्र रूप क्षेत्रवासियों के लिये बेहद डरावना हो जाता है। लगातार आबादी क्षेत्र के नीचे की ओर भूकटाव कर रही खोह नदी हर बरसाती सीजन से पहले बस्तीवासियों का सुख चैन छीन लेती है लेकिन इस बार ये और बढ़ गया है। दरअसल पिछली बरसात में सड़क के एक बड़े हिस्से का नदी के बहाव के साथ बह जाने के कारण नदी का रूख अब बस्ती की ओर हो गया है जो बरसात में तेजी से भूकटाव की वजह बन रहा है। पिछली बार मानसून सीजन में नदी के तेज बहाव से किसी तरह किस्मत से बचे तटवर्ती क्षेत्र की जनता अब तक परेशान हैं।

बोले जिम्मेदार

मेयर शैलेन्द्र रावत का कहना है कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिये। आगामी बरसात को देखते हुए निगम की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। पूरे निगमक्षेत्र में मौजूद समस्याओं का समाधान हमारी प्राथमिकता है। नए नगर निगम बोर्ड को गठित हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है। लोगों की हमसे जो अपेक्षाएं हैं उन्हें हम भलीभांति समझते हैं, इसलिए उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। नगर आयुक्त वैभव गुप्ता का कहना है कि निगम प्रशासन सभी समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीर है। नगर की सभी समस्याओं का समाधान लगातार किया जा रहा है। कहीं से भी कोई शिकायत मिलती है तो सबसे पहले उसका संज्ञान लेते हैं। आम जनता अपनी समस्याओं को हमें बता सकती है जिनके समाधान की हरसंभव कोशिश की जाएगी।

बोले लोग-

स्ट्रीट लाइट की समस्या बहुत पुरानी है। कई बार मांग कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। स्ट्रीट लाइट लग जायेगी तो लोगों को आने जाने में आसानी रहेगी। इसके साथ ही जंगली जानवों का खतरा भी नहीं रहेगा। इसलिए जल्द स्ट्रीटलाइट लगनी चाहिए। -तान्या रावत

कुंभीचौड़ में कई जगह गंदगी पसरी रहती है। नियमित रूप से साफ-सफाई न होने के कारण दुर्गन्ध का वातावरण बना रहता है। इस कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। निगम को रोजाना साफ-सफाई करानी चाहिये जिससे लोगों को परेशानी न हो। -राम सिंह रावत

लावारिस पशुओं के आतंक से लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं। लावारिस पशु आए दिन हमला कर लोगों को घायल कर रहे हैं। इस समस्या का निस्तारण करना बहुत जरूरी है। नगर निगम को विशेष अभियान चलाकर जरूरी कदम उठाने चाहिए। -रमेश बौंठियाल

पिछली बरसात में मोहल्से की लड़क पूरी बह गई थी। कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद कोई सुनने को तैयार नहीं है। लोगों को काफी दिक्कतें आ रही हैं। आने वाली बरसात में तो दिक्कतें और बढ़ जायेंगी। बरसात से पहले सड़क बननी चाहिए। -शोभा देवी

नदी किनारे बही सड़क को अभी तक ठीक नहीं कराया जा सका है। इस बार की बरसात सिर पर है और अभी तक इसे नहीं बनाया गया है। इस बार बरसात में यहां के लोग भगवान भरोसे हैं। जनहित में नगर निगम को जल्द सड़क बनानी चाहिए। -सुशीला देवी

बंदर और पशुओं ने क्षेत्र में आतंक मचाया हुआ है। कुत्ते जहां लोगों को काट रहे हैं वही बंदर खेती तबाह करने के साथ ही घर की छतों से सामान उठा कर ले जा रहे हैं जिनकी व्यवस्था नगरनिगम को करनी चाहिए। पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाना चाहिए। -मातबर सिंह

सड़कों की हालत बेहद दयनीय बनी हुई है। दोपहिया वाहन आये दिन इसमें रपट रहे हैं। इस कारण लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कई बार नगर निगम से सड़क को ठीक कराने को बोल चुके हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। सब लोग परेशान हैं।-रश्मि रमोला

यहां अस्पताल की हालत बेहद खराब है। छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार के लिए भी शहर की तरफ भागना पड़ता है। अस्पताल की व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिये जिससे स्थानीय लोगों अस्पताल का लाभ मिल सके। -कृष्ण सिंह नेगी

यहां स्थित पंचायत भवन की हालत बेहद खस्ता है। इसमें आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित होता है। जर्जर होने के कारण यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। अधिकारी को भी स्थिति से अवगत कराया है। इसलिये इसकी हालत ठीक की जानी चाहिए। -गौरव रावत

स्ट्रीट लाइटें लगाया जाना बेहद जरूरी है, रात को लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा सिंचाई व्यवस्था भी बुरी तरह से चरमरायी हुई है।नगर निगम को क्षेत्र की जरूरी समस्याओं का समाधान सबसे पहले होना चाहिए। -अनुज

मरीजों के उपचार के लिए सबसे पहले अस्पताल की हालत में सुधार लाया जाना चाहिये। जब छोटी मोटी बीमारी के लिए भी जनता को हायर सेंटर जाना पड़े तो ऐसे अस्पताल का क्या फायदा है। सरकार को इस दिशा में विशेष कार्य करने की जरूरी है। -सत्यप्रकाश ढौंडियाल

पिछली बरसात ने सड़कों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस बार भी बरसाती सीजन आने वाला है लेकिन अभी तक सड़कों को ठीक नहीं कराया जा सका है। खस्ताहाल सड़क के कारण कई लोग गिरकर चोटिल हो चुके हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। -विजय रावत

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